फेरीवालों की समस्या के समाधन के लिए कमेटी गठन को लेकर राज्य के नगर विकास विभाग ने जारी किया आदेश 

To solve the problem of hawkers, issued an order formation of a committee
फेरीवालों की समस्या के समाधन के लिए कमेटी गठन को लेकर राज्य के नगर विकास विभाग ने जारी किया आदेश 
नहीं बनी निवारण कमेटी फेरीवालों की समस्या के समाधन के लिए कमेटी गठन को लेकर राज्य के नगर विकास विभाग ने जारी किया आदेश 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि फेरीवालों की दिक्कतों के समाधान के लिए स्थानिय नगर निकायों में शिकायत निवारण कमेटी गठित किए जाने के मुद्दे को लेकर नगर परिषद प्रशासन महानिदेशलय के आयुक्त एवं निदेशक को आदेश जारी किया गया है। राज्य के 361 स्थानिय निकायों में शिकायत निवारण कमेटी नहीं है। जिसको लेकर  महाराष्ट्र हॉकर्स फेडरेशन ने अधिवक्ता क्रांति एलसी के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के नगर विकास विभाग को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। कोर्ट के इस निर्देश के तहत नगर विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भूषण गगरानी ने हलफनामा दायर किया है। जिसमें कहा गया है कि 25 अप्रैल 2022 को शिकायत निवारण कमेटी गठित करने को लेकर नगर परिषद प्रशासन महानिदेशलय के आयुक्त एवं निदेशक को आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि कमेटी गठन की दिशा में महानिदेशालय की ओर कदम उठाना अपेक्षित है। इसके अलावा महानिदेशालय कमेटी के चेयरमैन व सदस्यों के वेतन एवं भत्ते,इनकी सेवा शर्ते,जरुरी स्टाफ व कार्यलाय के बारे में अपनी सिफारिसे भी भेजे। हलफनामे में कहा गया है कि 86 स्थानिय नगर निकायों में फेरवालों के सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है। 139 नगर निकायों में सर्वेक्षण का काम जारी है। जबकि 191 नगर निकाय में सर्वेक्षण के काम की शुरुआत नहीं हुई है। 

फेडरेशन की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया है कि फेरिवाला अधिनियम 2014 व महाराष्ट्र स्ट्रीट वेंडर नियमावली 2016 के प्रावधानों के तहत हर स्थानीय नगर निकाय में शिकायत निवारण कमेटी का होना जरुरी है। फिर भी इस कमेटी का गठन नहीं किया गया है। जबकि फेरीवालों के खिलाफ स्थानीय निकाय व पुलिसवालों की कार्रवाई जारी रहती है। ऐसे में इस कमेटी का गठन न किया जाना फेरेवालों को संविधान के अनुच्छेद 21,19 व 14 के तहत मिले अधिकारों का हनन है। याचिका के अनुसार फेरिवालों की समस्याओं को सुनने के लिए सीविल जज व दो विशेषज्ञयों के साथ शिकायत निवारण कमेटी के गठन का प्रावधान है। लेकिन सात साल बीत जाने के बावजूद भी इस कमेटी का गठन नहीं हुआ है। इसलिए राज्य के नगविकास विभाग को कम से कम हर स्थानीय नगर निकाय में कम से कम एक शिकायत निवारण कमेटी के गठन का निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही कमेटी के कामकाज के लिए जरुरी स्टाफ,कार्यालय व दूसरी जरुरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा जाए। ताकि कमेटी प्रभावी ढंग से अपने काम को कर सके। 


 

Created On :   22 May 2022 5:53 PM IST

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