नेत्रदान को बढ़ावा देने तय हो आई बैंक का टोल फ्री नंबर, प्रदूषित वेनगंगा नदी को बचाए सरकार

Toll free number of bank decided to promote eye donation
नेत्रदान को बढ़ावा देने तय हो आई बैंक का टोल फ्री नंबर, प्रदूषित वेनगंगा नदी को बचाए सरकार
नेत्रदान को बढ़ावा देने तय हो आई बैंक का टोल फ्री नंबर, प्रदूषित वेनगंगा नदी को बचाए सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य डॉ विकास महात्मे ने बुधवार को उच्च सदन में देश में नेत्रदान को बढावा देने के लिए आई बैंक एक टोल फ्री नंबर तय किए जाने की मांग की ताकि समय रहते नेत्रदान किया जा सके। शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होने कहा कि दुनिया में अंधत्व से पीडित लोगों में हर पांचवां व्यक्ति भारतीय है। नेत्रदान की संख्या में बढोतरी होने पर अंधेपन की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। डॉ महात्मे ने कहा कि मृत्यु पश्चात 4 से 6 घंटे के भीतर ही नेत्रदान किया जाना चाहिए, लेकिन अक्सर मृत्यु के बाद मृतक के परिवार के सदस्यों का नेत्रदान का ध्यान ही नही रहता। नेत्रदान की इच्छा भी रहे तो उनके पास आई बैंक का नंबर नही होता। इसलिए जिस तरह से पुलिस और फायर के लिए क्रमश: 100 और 101 टोल फ्री नंबर तय है, उसी प्रकार आई बैंक का एक टोल फ्री नंबर तय कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल में मौत होने की स्थिति में मृत्यु प्रमाणपत्र देते समय रिश्तेदारों से लिखित में यह लेना चाहिए कि उनकी नेत्रदान करने की इच्छा नही है। ऐसे में मृत्यु प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर करने वाला हर व्यक्ति सोचेगा कि मुझे तो नेत्रदान करना है। इससे वे अपने आप नेत्रदान के लिए प्रेरित होंगे और इससे नेत्रदान की संख्या में काफी इजाफा हो सकेगा।

प्रदूषित वेनगंगा नदी को बचाने सरकार आए आगे : सांसद मेंढे

भाजपा सांसद सुनील मेंढे ने भंडारा जिले में बहने वाली वेनगंगा नदी के प्रदूषण का मसला बुधवार को लोकसभा में उठाया और मांग की कि सरकार वेनगंगा को दूषित करने वाले स्त्रोतों को नियंत्रित करने की व्यवस्था करे। उन्होने सदन में यह मसला विशेष उल्लेख के तहत उठाया। मेंढे ने सदन में कहा कि केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड ने पिछले मार्च महीने में एक सर्वेंक्षण किया था, जिसमें महाराष्ट्र की 53 नदियां प्रदूषित पाई गई थी। इस सूचि में वेनगंगा भी शामिल है। उन्होने बताया कि इस नदी में नागपुर की ओर से सीवर का पानी, एनटीपीसी और दूसरे उद्योगों का औद्योगिक पानी मिलता है। इसके चलते वेनगंगा का पानी प्रदूषित होता है। दूषित पानी में ऑक्सीजन की मात्रा की कमी हो जाती है। नदी किनारे बसे भंडारा और अन्य शहरों के साथ कई गांवों में यही पानी पीने के लिए इस्तेमाल होता है। सांसद मेंढे ने इसके मद्देनजर सरकार से आग्रह किया है कि वेनगंगा नदी को दूषित करने वाले स्त्रोतों को नियंत्रित किया जाए और साथ ही यहां भारी मात्रा में उत्खनन होने वाले आयरन में भी कमी लाई जाए।

Created On :   4 Dec 2019 7:12 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story