फटे-पुराने और छोटे बारदानों ने बढ़ाई किसानोंं की मुश्किलें, धीमी रफ्तार से चल रहा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम

फटे-पुराने और छोटे बारदानों ने बढ़ाई किसानोंं की मुश्किलें, धीमी रफ्तार से चल रहा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम
मध्य प्रदेश फटे-पुराने और छोटे बारदानों ने बढ़ाई किसानोंं की मुश्किलें, धीमी रफ्तार से चल रहा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। फटे, पुराने और छोटे बारदानों ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जिले के अधिकतर केन्द्रों पर अब तक पुराने बारदानें का ही उपयोग हो रहा था, लेकिन इन दिनों केन्द्रों में पहुंचे बारदाने छोटे आकार के भेजे गए है, जिससे किसानों को बेहद ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा हैं। जिले में 195 केन्द्रों पर खरीदी की जा रही हैं, लेकिन पखवाड़े बाद भी रफ्तार में तेजी नहीं सकी हैं। जानकारी के अनुसार धान उपार्जन को लेकर करीब 1 लाख 14 हजार किसानों ने पंजीयन कराया हैं, जिसमें से अब तक 47 हजार 179 किसानों द्वारा स्लॉट बुक कराया जा चुका हैं। हालांकि मौसम को देखते हुए किसान केन्द्र तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जानकारी के अनुसार बुधवार तक करीब 10 लाख क्विंटल तक खरीदी हो चुकी हैं, विभागीय तौर पर जिलेभर के केन्द्रो से देर शाम तक आंकड़े नहीं मिल पाए थे। बहरहाल परिवहन की गति धीमी होने के कारण भी किसानो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।     

छोटे बारदाने में 37 से 38 किलों की भराई

इधर,सोसायटी पहुंचे किसानों का कहना रहा कि उन्हें बारदाने तो मिल रहे हैं लेकिन बारदानों का जो आकार हंै बेहद ही छोटा हैं। यानी जो पुराने बारदाने होते हैं उसमें 41 से 42 किलो धान की भराई होती थी, लेकिन जो नए बारदाने का लॉट केंद्र में पहुंचा हैं उन बारदानों में 37 से 38 किलो ही धान समा रहे हैं, जबकि प्रशासन की गाइड लाइन हैं, कि एक बारदाने में 41 किलो धान भरा जाए लेकिन छोटे आकार के बारदाने आने के कारण इनमें 37 से 38 किलो की ही भराई हो रही हैं। किसानों ने बताया कि अगर वह धान को बारदाने में पूरा भरते हैं तो फिर बारदाने में सिलाई नहीं लग पा रही हैं।

इन केन्द्रों में आ रही दिक्कत 

लांजी क्षेत्र के ग्राम चिचोली, बिरनपुर, कुम्हारीकला एवं अन्य कई केंद्रों में पहुंचे छोटे बारदानों के कारण किसान परेशान हो रहे हैंं। इस संबंध में किसानों ने केंद्र प्रभारियों को अवगत कराया हैं, लेकिन केंद्र प्रभारियों का कहना है कि जो नए बारदाने आए हैं उनका आकार भली-भांति छोटा है। इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों से बड़े बारदानों की मांग की गई हैं।

जिले में 28 महिला समूहों द्वारा की जा रही खरीदी 

इधर, दूसरी तरफ प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला समूहों को विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियों से जोडऩे के लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। अब तक जिन कार्यों मेें पुरूषों का एकाधिकार था उन कार्यों में भी महिला समूह शामिल होकर आय अर्जित करने लगे है।  जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के कार्य में भी महिलाओं के समूह सक्रिय रूप से भागीदारी निभा रहे है।

इस बार 22 समूहों को मिला काम 

वर्ष 2021-2022 में आजीविका मिशन के 6 समूहों द्वारा धान की खरीदी की गई थी, लेकिन इस वर्ष 2022-2023 में जिले में आजीविका मिशन के 28 समूहों द्वारा धान की खरीदी की जा रही हैं। किसान स्लॉट बुकिंग के माध्यम से महिलाओं के समूहों को अपना धान विक्रय कर सकते हैं। धान की खरीदी में महिलाओं के समूहों को शासन से कमिशन मिलेगा। कमिशन की यह राशि ही महिला समूहों की आय होगी, जो समूह जितना अधिक धान खरीदेगा, उसे उतनी ही अधिक आय होगी।

केन्द्र पहुंचकर मंत्री ने देखी व्यवस्था 

आयुष एवं जल संसाधन विभाग के राज्यमंत्री रामकिशोर नानो कावरे ने  हट्टा एवं सारद सिवनी के धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और मौके पर उपस्थित किसानों से चर्चा की और उन्हें होने वाली समस्याओं और सुविधाओं के संबंध में भी जानकारी

Created On :   15 Dec 2022 4:39 PM GMT

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