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लोगों के घरों तक पहुंच रही टे्रचिंग ग्राउंड की गंदगी - शहर से निकलने वाले 23 टन कचरे के डंपिंग स्थल पर फेंसिंग तक नहीं
डिजिटल डेस्क शहडोल । शहर का कचरा डंप करने के लिए बनाया गया ट्रेंचिंग ग्राउंड आसपास की 5 से 7 किमी की आबादी के लिए मुसीबत बन चुका है। यहां रोजाना शहर से निकलने वाला करीब 23 टन कचरा खुले में ही डंप कर दिया जाता है। कचरे को अलग-अलग नहीं किया जाता है। जरा भी हवा चलने पर पॉलीथीन और अन्य कचरा उड़कर रिहायशी इलाकों में पहुंच रहा है। बुढ़ार रोड स्थित ग्र्राम जमुआ के पास नगर पालिका का ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाया गया है। पिछले कई वर्षों से शहर का कचरा यहीं डंप किया जाता है। यह मेन रोड से मात्र दो किमी की दूरी पर है। ट्रेंचिंग ग्राउंड में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम का पालन भी नहीं किया जा रहा है। न तो कचरे को पृथक-पृथक किया जाता है, न ही कचरा डी-कंपोस्ट होता है और न कचरे को कवर करने के लिए फेंसिंग की गई है और साइट पर लाइट लगाई गई है। आवारा मवेशी मौजूद रहते हैं और कचरे को फैलाते रहते हैं। करीब 2 हेक्टेयर के इलाके में हर तरफ कचरा ही नजर आता है। कचरे के बड़े-बड़े ढेर लग गए हैं। पास में ही मुरुम की खदान का बड़ा से गड्ढा है, नपा प्रशासन उस गड्ढे तक में कचरा नहीं फेंकता है।
सेग्रीगेशन की व्यवस्था नहीं
गीला कचरा और सूखा कचरा के साथ-साथ ई-वेस्ट और बायोमेडिकल वेस्ट को अलग-अलग करने का प्रावधान है। लेकिन यहां ई-वेस्ट प्रबंधन के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सभी तरह के कचरे को सामान्य कचरे के साथ ही एक जगह डंप कर दिया जाता है। यहां कचरे की कंपोस्टिंग भी नहीं की जाती है। ताकि इसका खाद बनाया जा सके। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में आसपास के लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के निरीक्षण में भी ट्रेंचिंग ग्राउंड में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किसी तरह के उपाय नहीं किया जाना पाया गया था।
इन सुविधाओं की कमी
नपा के ट्रेंचिंग ग्राउंड में कई तरह की खामिया हैं। यहां लाइट की व्यवस्था नहीं है, जबकि हाईमास्ट लाइट लगनी चाहिए। कचरे को खुले में ही फेंका जा रहा है, गड्ढे में नहीं। कंपोस्टिंग नहीं होती है, जिससे गंदगी जमीन के अंदर जा रही है। ई-वेस्ट प्रबंधन के लिए सेग्रीगेशन की व्यवस्था नहीं है। प्रतिदिन डंप होने वाले कचरे के माप की कोई व्यवस्था नहीं।
इनका कहना है
कचरा पृथकीकरण के लिए नाडेफ बनाए जा रहे हैं। कोटमा में साढ़े चार हेक्टेयर क्षेत्र में कचरा प्रसंस्करण की यूनिट लग रही है। यहां वेस्ट सेग्रीगेशन सहित सभी तरह के निर्देशों का पालन होगा। जमुआ में कचरा डंप करने की अस्थायी व्यवस्था है।
मोती लाल सिंह स्वच्छता प्रभारी नपा
Created On :   4 Dec 2020 6:05 PM IST