गूगल से केमिस्ट्री पढ़ रहे आदिवासी क्षेत्र के स्टूडेंट

tribal students studying chemistry from Google
गूगल से केमिस्ट्री पढ़ रहे आदिवासी क्षेत्र के स्टूडेंट
गूगल से केमिस्ट्री पढ़ रहे आदिवासी क्षेत्र के स्टूडेंट

 

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। बिना किताब के पढ़ाई की कल्पना अब पिछड़े आदिवासी गांव  में भी संभव हो चली है। यह कमाल गूगल द्वारा ही संभव हुआ है।  वैसे तो आमतौर पर किसी भी संकाय की शिक्षा प्राप्त करने के लिए महाविद्यालय अथवा निजी प्रशिक्षण केंद्रों की तरफ दौड़ लगानी पड़ती है, लेकिन अब आधुनिक व तकनीकी युग ने उनकी इस तरह की भागादौड़ी पर काफी  हद तक ब्रेक लगा दिया है। अब विद्यार्थियों को संस्थान में जाकर पढ़ाई करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वे अब घर बैठकर ही किसी भी क्षेत्र की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।  

वेबसाइट का मिल रहा लाभ: शहर के रसायनशास्त्र विशेषज्ञ ए.वी.एस. शर्मा की निरंतर कोशिश के चलते यह सब संभव हो सका है। उल्लेखनीय है कि आदिवासी बहुल जिले में उच्च शिक्षा का कोई संस्थान नहीं है। उच्च शिक्षा के लिए यहां के विद्यार्थियों को नागपुर, मुंबई या फिर पुणे जाना पड़ता है। एमपीएससी, आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसी कठिन परीक्षाओं के लिए भी यहां के विद्यार्थी बड़े शहरों की ओर रुख करते हैं। रोजगार के अभाव में जिले के शिक्षित युवा प्रतियोगी युग में खुद को टिकाए रखने में असमर्थ साबित हो रहे है। इसी समस्या का निवारण करने के लिए गड़चिरोली के रसायनशास्त्र ए.वी.एस. शर्मा ने रसायनशास्त्र के तकरीबन ६०० प्रश्नों को गूगल नामक सर्चिंग वेबसाईट पर अपलोड कर दिया है। इस वेबसाईट ने डब्ल्यू.डब्ल्यू.डब्ल्यू. डॉट कोरा डॉट कॉम पर सभी प्रश्नों को अपलोड कर दिया है। छात्र इस वेबसाइट पर जाकर प्रश्न टाइप करते हैं,  तो कोरा वेबसाइट पर शर्मा द्वारा दिया गया जवाब स्क्रीन पर आ जाता है। इससे विद्यार्थी घर में बैठकर सवालों के जवाब ले पा रहे हैं। बता दें कि, रसायनशास्त्र की किताबें काफी कीमती होती हैं। अधिकांश छात्र इन किताबों को खरीद नहीं पाते। उन विद्यार्थियों के लिए यह वेबसाइट फायदेमंद साबित हो रही है। गड़चिरोली जैसे आदिवासी बहुल जिले में शिक्षा ग्रहण करने के बाद एवीएस शर्मा द्वारा जिले के विद्यार्थियों के लिए किया गया यह प्रयास सराहनीय है। 

Created On :   11 Jan 2018 3:35 PM IST

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