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9 राजनीतिक पार्टियां लापता, कुकुरमुत्तों की तरह राजनीतिक पार्टियों का उदय
डिजिटल डेस्क, नागपुर, योगेश चिवंडे | देश में राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग कारणों को लेकर हर समय चर्चा का विषय रही हैं। खासकर चुनाव के समय कुकुरमुत्तों की तरह राजनीतिक पार्टियों का उदय होना, हमेशा समीक्षा का विषय बना रहा है। इसके बाद पार्टियां कब, कहां और क्या कर रही हैं, इसका लेखा-जोखा कभी सामने नहीं आया और न कभी इसका ऑडिट हुआ है। इस चर्चा पर एक रिपोर्ट ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
प्रमाण 1 : बैद्यनाथ चौक कामगार भवन में विदर्भ राज्य पार्टी का कहीं नाम नहीं
प्रमाण 2 : पूनम चेंबर, छावनी में विदर्भ विकास पार्टी कार्यालय का भी कहीं नामोनिशान नहीं दिखता है
हाल में राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन प्रशासन को कुछ राजनीतिक पार्टियों की एक सूची भेजकर इन पार्टियों द्वारा दिए गए एड्रेस का क्रॉस वैरिफिकेशन करने को कहा था। जिला प्रशासन ने इन पार्टियों द्वारा उनके आवेदन में दर्ज एड्रेस की जांच-पड़ताल की, तो खुलासा हुआ कि ज्यादातर पार्टियां उन पतों पर मौजूद ही नहीं है और काफी समय से सक्रिय भी नहीं हैं। ये सभी नागपुर जिले में रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां हैं। कुल 19 में से 9 राजनीतिक पार्टियां ऐसी मिली, जो अपने पते पर उपलब्ध नहीं हैं। न वहां पार्टी का कोई बोर्ड है और न कोई कार्यालय। लोगों से पूछताछ में भी कोई जानकारी नहीं मिली। निर्वाचन कार्यालय में इस बारे में कोई अपडेट भी नहीं कराया है। ऐसे में पार्टियों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
हाल में चुनाव आयोग की शिकायत के बाद आयकर विभाग ने देश भर में रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। ये पार्टियां संदिग्ध लेन-देन के साथ टैक्स छूट ले रही थीं, लेकिन आयोग को खर्च का ब्योरा नहीं दे रही थी। विशेष यह कि मुंबई के जिस सायन इलाके की झुग्गी बस्ती स्थित एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर आयकर ने छापा मारा था, उसे दो साल में 100 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। हालांकि नागपुर में अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
फिलहाल जिला निर्वाचन प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इस रिपोर्ट पर जल्द अपना निर्णय सुनाए जाने की संभावना है। विभाग को भी इसकी प्रतीक्षा है। मामले को काफी गोपनीय रखा गया है। इस बारे में पूछने पर निर्वाचन अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। किसी भी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया। हालांकि जो रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई है, उसकी एक कॉपी दैनिक भास्कर के हाथ लगी है।
नागपुर जिला निर्वाचन विभाग में इस साल करीब 8 राजनीतिक दलों ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है। इसमें अब तक 6 पार्टियों के रजिस्ट्रेशन को राज्य निर्वाचन आयोग ने हरी झंडी दी है। इन्हें रजिस्टर्ड गैर मान्यता प्राप्त दलों की श्रेणी में रखा गया है। जिनका रजिस्ट्रेशन हुआ है, उसमें जय विदर्भ पार्टी, हम एक है पार्टी, नेशनल भीमसेना, अपनी प्रजाहित पार्टी, देश जनहित पार्टी, बदलाव आवाज पार्टी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि हर साल 8 से 10 आवेदन नई पार्टियों के रजिस्ट्रेशन के लिए आते हैं।
राज्य में 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दल
महाराष्ट्र राज्य में कुल 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। हर साल इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इसके अलावा 6 राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त पार्टियां हैं। इसमें सीपीआई, बीजेपी, एनसीपी, सीपीआई (मार्क्सवादी), बीएसपी, कांग्रेस हैं। दो को राज्यस्तरीय मान्यता मिली, इसमें शिवसेना और मनसे शामिल हैं।
दाल में काला...
आम जनता पार्टी डेमोक्रेटिक :
ग्राम पंचायत बेला, तहसील उमरेड, नागपुर
ऑल इंडिया जन समस्या निवारण पार्टी :
वार्ड नंबर-1, कलमेश्वर, नागपुर
आंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया :
इंदोरा (वरपाखड़) नागपुर
भारतीय परिवर्तन कांग्रेस :
आदिवासी कॉलोनी, तुकड़ोजी चौक, नागपुर
बोल्शेविक पार्टी ऑफ इंडिया :
भूपेश नगर, गोरेवाड़ा रोड, नागपुर
विदर्भ राज्य पार्टी :
कामगार भवन, बैद्यनाथ चौक, नागपुर
रानी लक्ष्मीबाई क्रांतिकारी पार्टी :
राहुल बाजार, सीताबर्डी, नागपुर
डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया : अशोक नगर, नागपुर
विदर्भ विकास पार्टी : पूनम चेंबर, छिंदवाड़ा रोड, नागपुर
Created On :   19 Sept 2022 12:20 PM IST