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रैपिड किट से जाँच बनी मुसीबत, पॉजिटिव आते ही भेज रहे सेंटर, एक दिन बाद मिल रही शिफ्टिंग टीम को लिस्ट
डिजिटल डेस्क जबलपुर । रैपिड एंटीजन किट से कोरोना की जाँच शुरू होने के बाद अब लोग नई परेशानी में पड़ रहे हैं। तीन दिन पहले जब इस किट से विक्टोरिया अस्पताल में जाँच शुरू हुई तो पहले दिन 7 पॉजिटिव मिले थे। इस किट से 30 मिनट में पॉजिटिव या निगेटिव का पता चल जाता है। पहले दिन जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई उनको वहीं से एम्बुलेंस से इंस्टीट्यूशनल आइसोलेशन सेंटर भेज दिया गया, वे लोग सिर्फ इलाज कराने आए थे। विक्टोरिया में डॉक्टर्स ने उनकी टेस्ट रिपोर्ट आने तक उन्हें रोका रखा और पॉजिटिव होते ही उन्हें सेंटर भेजा गया। इस अव्यावहारिक कार्यवाही का विरोध हुआ कि संबंधित को अपना सामान, कपड़े वगैरह भी नहीं लेने दिए गए, हालाँकि अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद उनके घर से बैग बुलवा कर पहुँचाए गए। इसके बाद तय हुआ कि उक्त किट से जाँच करने वालों को रोका नहीं जाए, बल्कि आरटीपीसीआर या ट्रूनॉट सैम्पलिंग की तरह उन्हें जाने दिया जाए। व्यवस्था में बदलाव के बाद भी लोग परेशान हैं। ताजा मामला राइट टाउन निवासी युवक का है, सोमवार को विक्टोरिया अस्पताल में उसका किट से टेस्ट हुआ, रिपोर्ट के लिए उसे मंगलवार को कैजुअल्टी से पता करने कहा गया। परिजन मंगलवार को कैजुअल्टी पहुँचे तो वहाँ मौजूद कर्मचारी ने पॉजिटिव की जानकारी तो दी, लेकिन लिखित में देने तैयार नहीं हुआ। परिजनों ने युवक को निजी अस्पताल में भर्ती कराने का प्रयास किया लेकिन कोविड-19 पॉजिटिव नहीं लिखे होने के कारण कोई उसे भर्ती करने भी तैयार नहीं था।
इस कारण बढ़ी परेशानी
विक्टोरिया अस्पताल में रैपिड किट से टेस्ट में पॉजिटिव आने वालों की जानकारी अगले दिन सीएमएचओ कार्यालय के माध्यम से ट्रैसिंग व शिफ्टिंग टीम को दी जा रही है। इस विलंब के कारण खुद के संक्रमित होने की जानकारी मिलने पर संबंधित की मानसिक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
किट की रिपोर्ट भरोसेमंद - सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया का कहना है कि रैपिड एंटीजन किट का इस्तेमाल सर्जरी के लिए रुके मरीजों के अलावा अन्य आवश्यक स्थिति में उपयोग की जा रही है। इसका पॉजिटिव रिजल्ट संक्रमित ही है, यदि रिपोर्ट निगेटिव आती है तो आरटीपीसीआर टेस्ट से कंफर्मेशन करा लेते हैं।
तीन डेंटिस्टों को 7 दिन काम से हटाया
सीएमएचओ डॉ. कुररिया ने मंगलवार को तीन संविदा दंत चिकित्सकों को कोरोना डाटा की फीडिंग में लापरवाही बरतने पर 7 दिनों के लिए कार्य से हटा दिया है। इनमें डॉ. सुमित वर्मा, डॉ. सौरभ अवस्थी तथा डॉ. मोनिका खत्री शामिल हैं।
दो डॉक्टर्स को भी नोटिस
सिविल सर्जन डॉ. सीबी अरोरा ने दो मेडिकल ऑफीसरों डॉ. रूबी मुकासे व डॉ. ललित पांडे को कोविड-19 की ड्यूटी से मना करने पर कारण बताओ नोटिस दिया गया है। दोनों से दो िदन में जवाब माँगा गया है। इसके अलावा सिविल सर्जन ने सीएमएचओ को विक्टोरिया के तीन फिजिशियन में से दो के द्वारा काम न करने संबंधी पत्र लिखा है। इनमें एक डॉ. संदीप भगत द्वारा बीते 4 माह से काम नहीं किया जा रहा है, जबकि संविदा भेषज विशेषज्ञ डॉ. एके श्रीवास्तव हृदय रोग होने पर ड्यूटी करने से मना कर चुके हैं, वहीं तीसरे डॉ. आरके चौधरी भी ड्यूटी नहीं कर रहे हैं।
Created On :   19 Aug 2020 2:00 PM IST