TRP घोटाले : बार्क का पूर्व सीओओ गिरफ्तार, मामले में चौदहवीं गिरफ्तारी 

TRP scam: Former COO arrested of Broadcast Audience Research Council, fourteenth accused arrest in the case
TRP घोटाले : बार्क का पूर्व सीओओ गिरफ्तार, मामले में चौदहवीं गिरफ्तारी 
TRP घोटाले : बार्क का पूर्व सीओओ गिरफ्तार, मामले में चौदहवीं गिरफ्तारी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पैसे देकर फर्जी तरीके से टीआरपी हासिल करने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। गुरूवार को पुलिस ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर (सीओओ) रोमिल रामगढ़िया को इस मामले में दबोचा। रामगढ़िया इस मामले में गिरफ्तार किए जाने वाले 14वें आरोपी हैं। इसके अलावा बार्क से जुड़े किसी शख्स की मामले में पहली गिरफ्तारी है। कोर्ट में पेशी के बाद रामगढ़िया को 19 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेशी के दौरान सरकारी वकील ने दावा किया कि रामगढ़िया को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है, क्योंकि वह अपराध की एक अहम कड़ी है। इसके अलावा उसके लैपटॉप से टीआरपी घोटाले से जुड़ी अहम जानकारियां हासिल की जानी है। विशेष जांच टीम ने कहा कि रामगढ़िया बार्क का पहला सीओओ है और इस साल जुलाई तक इस पद पर रहा। इस दौरान उसने टीआरपी से जुड़ी कई अहम जानकारियां लीक की जिसके चलते टीआरपी में गड़बड़ी संभव हुई।

रामगढ़िया के वकील मृन्मय कुलकर्णी ने दलील दी कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है, क्योंकि कई महीनों पहले ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है। टीआरपी घोटाले से उनका कोई लेना देना नहीं है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने रामगढ़िया को पुलिस हिरासत में भेज दिया। इससे पहले पुलिस ने मामले में रविवार को रिपब्लिक मीडिया के सीईओ विकास खानचंदानी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बुधवार को खानचंदानी को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। 

मामले का खुलासा तब हुआ था, जब हंसा रिसर्च ने पुलिस से शिकायत की गई थी कि उसके कुछ पूर्व कर्मचारी चैनलों और जिन लोगों के घरों में टीआरपी मीटर लगे हुए हैं, उनके बीच कड़ी बनकर रेटिंग प्रभावित कर रहे हैं। हालांकि शिकायत में रिपब्लिक मीडिया का नाम नहीं था, लेकिन पुलिस ने दावा किया कि छानबीन के दौरान उसे रिपब्लिक समेत पांच चैनलों के खिलाफ सबूत मिले हैं। आरोप है कि जिन लोगों के घरों पर टीआरपी मीटर थे, उन्हें खास चैलन देखने के लिए हर महीने 400 से 500 रुपए दिए जा रहे थे। हालांकि रिपब्लिक टीवी का दावा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सवाल उठाने के चलते पुलिस उसे निशाना बना रही है।  
 

Created On :   17 Dec 2020 8:22 PM IST

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