मेडिकल में फिर एक कोरोना संक्रमितने की कूदने की कोशिश

Trying to jump into medical corona infection again
मेडिकल में फिर एक कोरोना संक्रमितने की कूदने की कोशिश
मेडिकल में फिर एक कोरोना संक्रमितने की कूदने की कोशिश

इलाज नहीं मिलने व अकेलेपन के कारण मरीजों में घबराहट, पहली घटना से मेडिकल ने नहीं लिया सबक, वार्ड में नहीं रहता कोई स्टाफ
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
गंभीर कोरोना संक्रमितों के लिए शासकीय स्तर पर इलाज के एकमात्र केंद्र मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में भर्ती मरीज इलाज नहीं मिलने व अकेलेपन से परेशान हो रहे हैं। शुक्रवार को यहाँ दूसरी मंजिल पर बने कोविड वार्ड में भर्ती एक 60 साल का मरीज खिड़की से बाहर निकल गया। वह कूदने की कोशिश करता इसके पहले ही वहाँ के मेडिकल स्टाफ ने उसे पकड़कर अंदर किया। एक हफ्ते में यह दूसरी घटना है, इसके पहले तीसरी मंजिल की खिड़की से निकलकर एक मरीज ने कूदने की कोशिश की थी। इन घटनाओं से मेडिकल में मरीजों की निगरानी के दावे की कमियाँ उजागर हो रही हैं। कोई वृद्ध मरीज ऊँचाई पर बनी खिड़की पर चढ़कर बाहर निकल जाए और कोई स्टाफ उसे देखे नहीं तो यह सवाल लाजिमी है कि वार्ड का स्टाफ कहाँ था? दोनों ही घटनाओं में बिल्डिंग के बाहर नीचे लोगों ने मरीज को खिड़की के बाहर लॉफ्ट पर देखा, फिर स्टाफ को खबर के बाद उन्हें बचाया जा सका। 
एकांत से डिप्रेशन का खतरा
कोविड वार्ड में ज्यादातर बुजुर्ग मरीज ही भर्ती हैं, जो कि संक्रमण के पहले परिवार में सदस्यों के बीच रहते थे जहाँ उनकी देखरेख परिजन करते थे। अब संक्रमण के बाद वे वार्ड में अकेले रहने मजबूर हैं, मेडिकल स्टाफ दिन में एक बार ही मरीजों तक पहुँचता है। वहीं आए दिन यहाँ गंभीर मरीज दम तोड़ रहे हैं जिन्हें देखकर दूसरे मरीज घबरा रहे हैं, वे बाहर निकलना चाहते हैं, लेकिन वार्ड के दरवाजे बंद होने के कारण खिड़की का ही विकल्प दिखता है। यदि वार्ड में हर समय कोई मेडिकल स्टाफ रहने की बात की जाती है तो इन दो घटनाओं के दौरान वह कहाँ था, कैसे यह बुजुर्ग उनकी नजरों से बचकर खिड़की से बाहर निकल गया। इस स्थिति में मरीजों को डिप्रेशन होने की भी संभावना है। 
अटेंडर न होने  से समस्या 
कोरोना संक्रमण ने मरीजों को परिजनों से दूर कर दिया है। मेडिकल के चिकित्सकों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या मरीज के साथ कोई परिजन नहीं होने की है। परिवार का सदस्य साथ हो तो ऐसी स्थिति नहीं बने और मरीज की देखरेख भी हो सकती है। समस्या गाइडलाइन में मरीज के साथ अटेंडर नहीं रखने की है जिसके कारण यह समस्या बन रही है। 

Created On :   29 Aug 2020 2:21 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story