एंबुलेंस में जन्मे जुड़वा बच्चे, प्रसूता को रेफर करते रहे डाक्टर

Twins born in ambulance, Doctors starts referring pregnant woman
एंबुलेंस में जन्मे जुड़वा बच्चे, प्रसूता को रेफर करते रहे डाक्टर
एंबुलेंस में जन्मे जुड़वा बच्चे, प्रसूता को रेफर करते रहे डाक्टर

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढ़न)। गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव को लेकर सरकार और जिला प्रशासन भले ही कितना गंभीर हो, लेकिन जिन्हें प्रसव कराना होता है उनकी संवेदनशीलता की स्थिति का अंदाजा इस घटना से लगाया जा सकता है। किसी प्रसूता के पहुंचते ही जिला अस्पताल के डॉक्टर उसे रेफर करने में जुट जाते हैं। सोमवार की दोपहर प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती महिला तारा प्रजापति उम्र 24 वर्ष को उसका पति अजय प्रजापति व अन्य परिजन उसके ग्रह निवास बुधेला से लेकर वैढ़न स्थित जिला अस्पताल पहुंचे।

गर्भवती महिला के परिजनों अनुसार जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने देखते ही महिला के प्रसव को जटिल बताना शुरू कर दिया। परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने कोई प्रयास भी नहीं किया और उसे एनएससी जयंत रेफर कर दिया। परिजन प्रसूता को लेकर एनएससी जयंत पहुंचे। वहां भर्ती करने के कुछ घंटे बाद ही चिकित्सक ने जटिल प्रसव बताकर उसे बनारस रेफर कर दिया। घबराये परिजनों ने किसी तरह उसे बनारस ले जाने की व्यवस्था करने लगे। एक एंबुलेंस के द्वारा परिजन उसे लेकर बनारस रवाना हुए थे, लेकिन शक्तिनगर में ही प्रसूता ने एंबुलेंस में ही दो बच्चों को जन्म दिया।

ब्रेकर के झटके ने करायी डिलीवरी
बताया जाता है परिजनों ने रुपए पैसों की व्यवस्था कर गर्भवती को एक एम्बुलेंस द्वारा एनएससी से बनारस अस्पताल के लिये सोमवार की शाम को रवाना हुए थे। महज 10 किमी की यात्रा तय कर एंबुलेंस शक्तिनगर ही पहुंची थी। इसके बाद एम्बुलेंस को वापस जिला अस्पताल वैढ़न लाया गया। जहां दोनो नवजात बच्चों को एसएनसीयू में भर्ती करा दिया गया। प्रसूता भी पूरी तरह स्वस्थ बतायी जाती है।

मानवाधिकार संगठन ने भी जताई चिंता
वैसे भी जिला अस्पताल के डॉक्टरों के रवैये से हर कोई परिचित है। मजबूर आदमी ही वहां पर इलाज कराने जाता है। वहां पर मजबूर आदमी के साथ भी संवेदनशील व्यवहार नहीं किया जाता। जिसके कारण उसे रेफर करने का खेल खेला जाता है। जिला अस्पताल के कुछ डॉक्टरों के इस रवैये के खिलाफ जिला मानवाधिकार संगठनों ने चिंतनीय करार दिया है। संगठन ने कहाकि वह इस पूरे मामले की पड़ताल कर इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन व आयोग को प्रेषित करेगा, लेकिन इस सबसे डॉक्टरों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इनकी मानवीयता जगाकर ही कुछ किया जा सकता है।

 

Created On :   9 Jan 2019 1:38 PM IST

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