फर्जी टीकाकरण शिविर मामले का मुख्य आरोपी और शीशियों में सलाइन भरने वाला गिरफ्तार 

Two accused arrested inf fake vaccination camp case
फर्जी टीकाकरण शिविर मामले का मुख्य आरोपी और शीशियों में सलाइन भरने वाला गिरफ्तार 
फर्जी टीकाकरण शिविर मामले का मुख्य आरोपी और शीशियों में सलाइन भरने वाला गिरफ्तार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फर्जी टीकाकरण मामले में पुलिस ने राहुल दुबे नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। दुबे कांदिवली के शिवम अस्पताल में प्रबंधन अधिकारी के तौर पर काम करता था। पूछताछ में उसने अस्पताल को मिली टीके की खाली शीशियों में सलाइन वॉटर भरने की बात स्वीकार की है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटील ने कहा कि कई आरोपियों ने पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि लोगों को टीके के नाम पर सलाइन वॉटर दिए गए। उन्होंने कहा कि फर्जी टीकाकरण से जुड़ी सभी शिकायतें एक ही गिरोह और शिवम अस्पताल से जुड़ी हुईं हैं। 

फर्जी टीकाकरण शिविर मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

साथ ही मुख्य आरोपी राजेश पांडे को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वारदात सामने आने के बाद से ही फरार पांडे को महाराष्ट्र के बारामती से पकड़ा गया। पांडे कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल का पूर्व कर्मचारी है। मामले में उसका नाम आने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया। पांडे ही खुद को कोकिलाबेन अस्पताल का मुख्य मैनेजर (सेल्स) बताकर टीकाकरण शिविर के लिए संपर्क करता था। इसके अलावा वह लोगों से संपर्क के लिए अस्पताल के अपने आधिकारिक ईमेल एकाउंट का इस्तेमाल करता था। इसलिए लोगों को भरोसा उस पर और बढ़ जाता था। अब तक दर्ज किए 10 मामलों में से पांच में पांडे मुख्य आरोपी है। जिस हीरानंदानी हेरिटेज सोसायटी में फर्जी टीकाकरण शिविर का पहला मामला सामने आया था वहां भी पांडे ने ही संपर्क किया था। 30 मई को यहां 390 लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के टीके लगाए गए थे, लेकिन टीके लगने के बाद बदनदर्द, बुखार जैसे लक्षण नजर न आने पर शक हुआ और जब कुछ लोगों को किसी और अस्पताल के नाम से सर्टिफिकेट मिली, तो शिकायत कांदीवली पुलिस स्टेशन तक पहुंची। मामला दर्ज होने के बाद पांडे ने अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद से ही वह फरार था। 

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिलीप सावंत ने बताया कि आरोपी को बुधवार रात बारामती से गिरफ्तार किया गया। उसे मुंबई लाया जा रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि पांडे से पूछताछ में इस पूरे मामले से पर्दा उठ सकता है। पांडे इस मामले में गिरफ्तार किया गया 13वां आरोपी है। 

लोगों को दिया गया सलाइन वॉटर

पुलिस ने मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपियों में एक डॉ मनीष त्रिपाठी का बयान सीआरपीसी की धार 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया है। अपने बयान में त्रिपाठी ने स्वीकार किया है कि शिविरों में कुछ लोगों को ही असली टीके लगाए गए थे, जबकि बाकियों को टीके की खाली शीशियों में सलाइन वॉटर डालकर लगाया गया था। डॉ त्रिपाठी कांदिवली में स्थित शिवम अस्पताल में अपना नर्सिंग इंस्टिट्यूट चलाता है। यहां के विद्यार्थियों को ही उसने प्रशिक्षण देकर फर्जी टीका लगाने भेजा था। मामले में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद त्रिपाठी ने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था।

तीन हजार के पार पहुंची ठगे गए लोगों की संख्या

फर्जी टीकाकरण का शिकार हुए लोगों की संख्या 3 हजार के पार पहुंच गई है। ताजा मामले में अंधेरी स्थित सीप्ज इंडस्ट्रीज ने एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है कि यहां कई कंपनियों ने साथ मिलकर अपने कर्मचारियों को टीका लगवाया था। इस शिविर का आयोजन भी उन्हीं आरोपियों ने किया था, जो पिछले मामलों में आरोपी है। यहां एक हजार से ज्यादा लोगों को फर्जी टीके लगाए गए थे। इसके अलावा क्वान टैलेंट मैनेजमेंट कंपनी के 218 कर्मचारी भी फर्जी टीकाकरण का शिकार हुए हैं। 


 

 

Created On :   1 July 2021 7:35 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story