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बगैर ओबीसी आरक्षण चुनाव रोकने दोनों सदनों में पेश हुए दो विधेयक, छह माह देरी से होंगे स्थानीय निकाय चुनाव
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिना अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के स्थानीय चुनाव रोकने के लिए राज्य की आघाडी सरकार ने सोमवार को विधान मंडल के दोनों सदनों में दो विधेयक पेश किए। विपक्ष ने भी इन विधेयकों का समर्थन किया और दोनों विधेयक सर्व सहमति से पारित हो गए। इससे स्थानीय निकाय चुनावों में पांच से 6 माह की देरी हो सकती है। विधेयक के तहत राज्य चुनाव आयोग के पास अब केवल चुनाव कराने का अधिकार बचा है। चुनाव से जुड़े दूसरे अधिकार राज्य सरकार के पास आ जाएंगे। मध्य प्रदेश की तर्ज पर बनाए गए इस कानून के मुताबिक अब जब तक राज्य सरकार प्रभाग (वार्ड) रचना से जुड़ी रिपोर्ट चुनाव आयोग को नहीं सौंपता तब तक वह राज्य चुनाव आयोग चुनाव का ऐलान नहीं कर सकता। नए विधेयक के मुताबिक प्रभाग रचना के साथ चुनाव की तारीखें तय करने का अधिकार भी राज्य सरकार के पास होगा। इस बदलाव के बाद अब राज्य सरकार राज्य में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों को तब तक आगे टाल सकती है जब तक ओबीसी आरक्षण का मुद्दा नहीं सुलझ जाता।
सुप्रीम कोर्ट की शर्तें मानने मिलेगा समय
फिलहाल सुप्रीमकोर्ट में चल रही कानूनी लड़ाई में राज्य सरकार को ट्रिपल टेस्ट करना है जिसके लिए अब उसे समय मिल जाएगा। मंजूर किए गए विधेयक के बाद प्रभाग रचना, वार्ड रचना, मतदाता सूची तैयार करने, चुनाव कार्यक्रम बनाने जैसे अधिकार राज्य सरकार के पास चले जाएंगे जिसकी मदद से मुंबई, ठाणे, पुणे समेत दूसरी महानगर पालिकाओं विधानसभा में एकनाथ शिंदे ने दो विधेयक महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम व महाराष्ट्र जिला परिषद व पंचायत समिति अधिनियम 1961 सुधार विधेयक और मुंबई महापालिका अधिनियम महाराष्ट्र महानगर पालिका अधिनियम व महाराष्ट्र नगर परिषद नगर पंचायत व औद्योगिक नगरी अधिनियम 1965 सुधार विधेयक विधानसभा में पेश किया जिसे दोनों पक्षों से सदस्यों ने एकमत से मंजूर कर लिया।
6 माह के लिए टल सकते हैं चुनाव
ओबीसी नेता व राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य चुनाव आयोग के जो अधिकार अपने पास लिए हैं,वह 1992 पहले तक राज्य सरकार के पास ही थे। उन्होंने कहा कि इम्पीरिकल डेटा तैयार करने के कार्य में दो से तीन महिने का समय लगेगा। दूसरी ओर आघाडी के नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इन विधेयकों से मुंबई मनपा सहित अन्य स्थानिय निकाय चुनाव करीब 6 माह के लिए टल जाएंगे। मुंबई मनपा चुनाव के अब सितंबर तक होने की उम्मीद है। विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में भुजबल ने कहा कि इस बीच ओबीसी आरक्षण के लिए जरुरी डेटा जुटा कर चुनाव आयोग को सौपा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस विधेयक के माध्यम से प्रभाग रचना को लेकर शुरु कार्य को स्थगित कर दिया गया है।
Created On :   7 March 2022 8:17 PM IST