जिला अस्पताल में दो और बच्चें की मौत - प्रसूता का उचित तरीके से नहीं रखा गया ध्यान, उमरिया सीएमएचओ को  लिखा पत्र

Two more children died in district hospital - maternity not properly taken care of
जिला अस्पताल में दो और बच्चें की मौत - प्रसूता का उचित तरीके से नहीं रखा गया ध्यान, उमरिया सीएमएचओ को  लिखा पत्र
जिला अस्पताल में दो और बच्चें की मौत - प्रसूता का उचित तरीके से नहीं रखा गया ध्यान, उमरिया सीएमएचओ को  लिखा पत्र

डिजिटल डेस्क शहडोल । जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। पिछले तीन दिनों में दो और बच्चों की मौत हुई है। 26 नवंबर से अब तक जिले में 26 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें 22 बच्चों की मौत जिला चिकित्सालय में हुई है। रविवार की सुबह हुई नवजात की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने माना है कि मैदानी अमले द्वारा प्रसूता का उचित तरीके से फॉलोअप नहीं किया गया। महिला उमरिया से रेफर होकर जिला चिकित्सालय आई थी।  इस संबंध में सोमवार को शहडोल सीएमएचओ ने उमरिया सीएमएचओ को पत्र लिखा है। इसमें संबंधित प्रसूता के संबंध में पूरी जानकारी मांगी गई है। साथ ही मामले की समीक्षा करने की बात भी कही गई है। इधर दो बच्चों की मौत के संबंध में जिला चिकित्सालय प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि एक बच्चे को मृत अवस्था में ही हॉस्पिटल लाया गया था, जबकि एक नवजात शिशु जन्म के बाद से ही कोई रिस्पॉन्स नहीं कर रहा था। उसे इलाज के लिए वेंटीलेटर पर रखा गया था। बच्चों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही या उदासीनता नहीं बरती गई है। सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार ने बताया कि एसएनसीयू मेें अभी भी पांच बच्चों की हालत क्रिटिकल है। एसएनसीयू में वर्तमान में 32 और पीआईसीयू में 10 बच्चे भर्ती हैं।
यह बताया मौत का कारण
सिविल सर्जन ने बताया कि सरोज पति बिहारी बैगा निवासी ग्राम मराई जिला उमरिया का प्रसव 12 दिसंबर को जिला चिकित्सालय में हुआ था। बच्चा पैदा होने के बाद से ही कोई रिस्पॉन्स नहीं कर रहा था। न तो रो रहा था और न ही सही तरीके से सांसें चल रही थीं। उसे तुरंत ही एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। भर्ती के समय बच्चे का वजन 2.98 किलोग्राम था। स्थिति में  सुधार नहीं होने पर बच्चे को 13 दिसंबर को वेंटीलेट किया गया। बच्चे की गंभीरता के बारे में परिजनों को बताया गया था। साथ ही उच्च संस्थान में ले जाने की सलाह दी गई थी, लेकिन परिजन ले जाने के लिए सहमत नहीं थे। 20 दिसंबर को प्रात: 6.10 बजे बच्चे की मृत्यु हो गई। दूसरी मौत शनिवार शाम को हुई थी। हॉस्पिटल प्रबंधन के अनुसार जोधपुर जिला शहाडोल निवासी दुर्गेश सिंह अपने तीन माह के बच्चे को लेकर 19 दिसंबर को शाम 5 बजे जिला चिकित्सालय पहुंचे। बच्चा मृत अवस्था में लाया था। ड्यूटी चिकित्सक द्वारा सीपीआर दिया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। चिकित्सक द्वारा शाम 6.20 बजे (ब्रॉड डेथ होने के कारण भर्ती नहीं किया गया था) बच्चे को मृत घोषित किया।
रेफरल पर उठाए सवाल
नवजात की मौत के मामले में सीएमएचओ डॉ. एमएस सागर ने उमरिया सीएमएचओ को पत्र लिखकर पूरे मामले की समीक्षा करने के लिए कहा है। पत्र में कहा गया है कि प्रसूता सरोज पति बिहारी बैगा उमरिया से रेफर होकर  शहडोल जिला चिकित्सालय आई थी। 12 दिसंबर को डिलेवरी के बाद से बच्चा न रो रहा था न ही सांसें ले पा रहा था। जिसके चलते उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इससे यह प्रतीत होता है आपके अधीनस्थ संस्था में कार्यरत स्टाफ द्वारा प्रसूता (माता) का उचित तरीके से फॉलोअप नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि संबंधित क्षेत्र से रेफरल अधिक हो रहे हैं। रेफरल भी समय पर नहीं हो रहे हैं।
मामले की समीक्षा की जाए
पत्र में यह भी कहा गया है कि सरोज पति बिहारी बैगा के मामले में समीक्षा करने की जरूरत है। उमरिया जिले के मानपुर ब्लॉक में एएनसी जांच कब-कब की गई एवं उन्हें हाईरिस्क में लिया गया या नहीं। हाईरिस्क महिला की चिकित्सक से जांच एवं उपचार कराया गया या नहीं। इसके अलावा महिला का फॉलोअप कब-कब हुआ। उमरिया सीएमएचओ से इसकी समीक्षा करने तथा पूरे मामले की जानकारी शहडोल सीएमएचओ कार्यालय को भी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
पूरी व्यवस्था के साथ हों रेफरल   
पत्र में यह भी अपेक्षा की गई है कि सीएमएचओ अपने अधीनस्थ अमले को निर्देशित करें कि केस शहडोल रेफर न किए जाएं। यदि करना ही है तो सही समय पर और उचित व्यवस्था के साथ रेफरल किए जाएं। यदि किसी महिला या बच्चे को आक्सीजन लग रही है तो ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ रेफरल किया जाए। साथ ही मरीज को भी वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाए। पूरी सतर्कता बरती जाएगी तभी जच्चा-बच्चा की मौत को कम किया जा सकेगा।
इनका कहना है
उमरिया सीएमएचओ को पत्र लिखा है। पूरे मामले की समीक्षा करने के लिए कहा गया है। हम अपने यहां सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर रहे हैं, लेकिन आसपास भी तो व्यवस्था सही होनी चाहिए।
डॉ. एमएस सागर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
 

Created On :   22 Dec 2020 6:59 PM IST

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