अलग-अलग इलाकों में दो लोगों ने की खुदकुशी, एक की संदिग्ध मौत

Two people committed suicide in different areas
अलग-अलग इलाकों में दो लोगों ने की खुदकुशी, एक की संदिग्ध मौत
अलग-अलग इलाकों में दो लोगों ने की खुदकुशी, एक की संदिग्ध मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आर्थिक परेशानी के चलते बोरगांव निवासी किसान विलास नामदेव टेकाड़े (45) ने अपने ही खेत में जहरीली दवा पीकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं है। घटना शनिवार को दोपहर करीब 2 बजे उजागर हुई। जानकारी के अनुसार विलास की 2 एकड़ खेती है। उसका 13 वर्षीय बेटा प्रथमेश किडनी की बीमारी से ग्रस्त है। बेटे की बीमारी व प्राकृतिक आपदा के चलते कर्ज लेने से आर्थिक व मानसिक परेशानी से तंग आकर विलास ने यह आत्मघाती कदम उठाने की चर्चा है। खेत में विलास अचेत अवस्था में होने की जानकारी किसी ने सावनेर पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया व शव को पोस्टमार्टम के लिए सावनेर अस्पताल भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया।  बोरगांव निवासी व पंस के पूर्व सभापति एड. प्रकाश टेकाड़े ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। बहरहाल, सावनेर पुलिस स्टेशन में आकस्मिक मृत्यु के तहत मामला दर्ज किया गया। आगे की जांच गौतम मेश्राम कर रहे हैं।

शराब पीने के बाद फांसी लगाकर की आत्महत्या

उधर कोराड़ी और गणेशपेठ थानांतर्गत दो लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आकस्मिक मृत्यु के तौर पर प्रकरण दर्ज किए गए हैं। विद्या नगर निवासी ताराचंद पाटील (50) बियर बार में काम करता था। पत्नी संगीता भी उसी बार में साफ-सफाई का काम करती है। लॉकडाउन होने के बाद ताराचंद रोज शराब का सेवन कर रहा था। पत्नी का उससे कहना था कि, लॉकडाउन के दौरान शराब नहीं पी, तो आसानी से शराब की लत छूट सकती है। इस बात को लेकर पति-पत्नी में मामूली कहासुनी भी हुई थी। नशे की हालत में तैश में आकर ताराचंद ने सीलिंग फैन को रस्सी बांधकर फांसी लगा ली। उसकी मौत हो गई। कोराड़ी थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है। दूसरी घटना गणेशपेठ थाना क्षेत्र के कर्नलबाग में हुई। रावसाहेब थुल (45) निजी काम करता था। लॉकडाउन से उसका काम बंद था। इस बीच वह घर से गायब था। लगभग पंद्रह-बीस दिन पहले ही वह घर लौटा था। पत्नी के साथ उसका किसी बात को लेकर विवाद था। किसी कारण के चलते रावसाहेब ने सीलिंग फैन को चुन्नी बांधकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गणेशपेठ थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है।

हमाल की संदिग्ध स्थिति में मौत

वहीं कलमना थानांतर्गत हमाल की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। घटना के पूर्व हमाल का बहन और बहनोई से विवाद हुआ था। उसकी पिटाई करने का आरोप है, लेकिन पुलिस इससे इनकार कर रही है। प्रकरण आकस्मिक मृत्यु के तौर पर दर्ज किया है। मिनीमाता नगर निवासी सलीम शेख (55) नामक व्यक्ति कलमना मार्केट में हमाली का काम करता था। सलीम और उसकी बहन का परिवार एक ही मकान में रहता था और साथ में ही काम करते थे। दोनों परिवारों का आए दिन किसी न किसी बात को लेकर विवाद होता रहता था। शुक्रवार की रात को करीब साढ़े नौ बजे सलीम का अपनी बहन फिरोजा बी और बहनोई शेख सैयद से विवाद हुआ था। इसके बाद नशे में सलीम ने खुद को ही चोट पहुंचाई,  जिससे उसकी मौत हो गई। घटना को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि, फिरोजा बी और सैयद ने उसकी पिटाई की थी, जिससे उसकी मौत हो गई, लेकिन पुलिस इससे इनकार कर रही है। मामला संदिग्ध बना हुआ है। आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है। जांच जारी है। 

दोपहिया वाहन खंभे से भिड़ा, अकाउंटेंट की मौत

अंबाझरी थानांतर्गत बिजली के खंभे से दोपहिया वाहन टकराने से अकाउंटेंट की मौत हो गई। आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है। सिविल लाइंस स्थित सीपीडब्ल्यूडी क्वार्टर निवासी सन्नी कुमार शर्मा (30) एजी ऑफिस में बतौर अकाउंटेंट था। शुक्रवार की शाम को करीब छह बजे वह अपने दाेपहिया वाहन क्र.-एम.एच.-31-एफ.एल.-3591 से सामान खरीदारी के लिए रवि नगर चौक गया था। इस दौरान आशा लक्ष्मी अपार्टमेंट के सामने सन्नी कुमार अपने वाहन पर से नियंत्रण खो बैठा और वाहन बिजली के खंभे से जा भिड़ा। हादसे में सन्नी कुमार के सिर में गंभीर चोट आई। उसे मेड़िकल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन  बीच रास्ते में ही सन्नी कुमार ने दम तोड़ दिया। उपचार पूर्व डाक्टरों ने  उसे मृत घोषित कर दिया। रिश्तेदार गोविंद शर्मा के अनुमार सन्नी मूलत: दिल्ली का रहने वाला था। लगभग आठ वर्ष से वह नागपुर में निवासरत था। परिवार में पत्नी अर्पणा और पांच वर्ष का एक बच्चा है। प्रकरण दर्ज किया गया है। 

बिना कोरोना जांच रिपोर्ट के दिल्ली ले जाया गया शव 

हादसे का पता चलते ही सन्नी के परिजन दिल्ली से नागपुर पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद शनिवार की शाम को एम्बुलेंस से सन्नी का शव दिल्ली ले जाया गया। इससे पूर्व सन्नी के छोटे भाई ने जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे से शव ले जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन होने से उन्होंने शव ले जाने की अनुमति नहीं दी। सन्नी की मौत भले ही सड़क हादसे में हुई, लेकिन कहीं वह कोरोना संक्रमित तो नहीं था, इसे ध्यान में रखते  हुए जांच की गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सन्नी का शव दिल्ली ले जाया जा सकता था। बावजूद शव दिल्ली ले जाया गया है।
 

Created On :   17 May 2020 5:50 PM IST

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