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दो को मिलेगी रोशनी, तीन लोगों को मिला जीवनदान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ब्रह्मपुरी निवासी 58 साल के सेवानिवृत्त शिक्षक दयानंद जीवन सहारे का ब्रेन डेड हो चुका था। 12 अगस्त को दयानंद सहारे व उनका बेटा पीयूष गड़चिरोली के कोरेगांव से वाहन पर लौट रहे थे। आरमोरी के पास उनकी दुर्घटना हुई। पीयूष को जख्मी हुआ वहीं दयानंद के ब्रेन को गंभीर चोटें आईं। आरमाेरी के अस्पताल में उनका उपचार शुरू था। बाद में उन्हें शहर के विम्स अस्पताल में भर्ती किया गया। उन्हें न्यूरोसर्जन डॉ. विवेक अग्रवाल, इंटेसिविस्ट डॉ. नितीन खंडेलवाल और डॉ. हरि गुप्ता की टीम की निगरानी में आईसीयू में ले जाया गया। जहां जांच के बाद ब्रेन डेड होने की पुष्टि की। अंगदान जागरुकता सप्ताह के अंतर्गत महापौर दयाशंकर तिवारी और प्रबंध निदेशक डॉ. विनय कालबंदे ने परिजनों को अंगदान करने के लिए मनाया। डॉ. मीनाक्षी हांडे, डॉ. राजेश सिंघानिया, डॉ. मोना हिंदुजा, आईसीयू स्टाफ ने मरीज की स्थिति को बनाए रखने और उसे वापस लाने के लिए बहुत मेहनत की। महापौर और पूर्व महापौर प्रवीण दटके ने वीआईएमएस अस्पताल की टीम को बधाई दी और अंगदान जागरूकता सप्ताह के दौरान अंग पुनर्प्राप्ति के लिए वीआईएमएस अस्पताल के प्रयासों की सराहना की।
स्वास्थ्य कारणों से चेन्नई नहीं भेजा हार्ट
दयानंद की पत्नी वनिता, बेटा भूपेश और पीयूष ने अंगदान करने की तैयारी दिखायी। परिजनों की स्वीकृति मिलने के बाद सोमवार को उनके अंगों का प्रत्यारोपण किया गया। मेडिट्रीना अस्पताल में एक व्यक्ति को यकृत दान किया गया। न्यू इरा अस्पताल में एक युवती को एक किडनी व वोक्हार्ट अस्पताल में एक महिला को दूसरी किडनी दान की गई। वहीं दोनों कार्निया मेडिकल के आई बैंक को दिए गए। प्रत्यारोपण की शल्यक्रिया सफल हुई है। विभागीय अंगदान प्रत्यारोपण समिति ने राष्ट्रीय समिति को सूचना दी। तब पता चला कि चेन्नई में एक 67 साल का व्यक्ति हार्ट के इंतजार में है। इसके बाद चेन्नई की एक टीम नागपुर पहुंची। लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते हार्ट चेन्नई में नहीं भेजा जा सका।
Created On :   18 Aug 2021 3:07 PM IST