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झील की शक्ल के दो तालाब, एक को महकमे ने संवारा पर दूसरे को उजाड़ डाला
डिजिटल डेस्क जबलपुर। संग्राम सागर और सूपाताल वास्तविकता में झील की शक्ल के बड़े सरोवर हैं जिनकी नैसर्गिक सुंदरता लोगों को आकर्षित करती है। इनको विकसित कर पर्यटन के लायक बनाने की माँग के आधार पर ही दोनों को पर्यटन विकास निगम ने 5 साल पहले पूरी गंभीरता के साथ सँवारा। यह विकास के कार्य कुछ महीनों तक नजर भी आये, लेकिन जैसे ही सँवारने के बाद इन तालाबों की देखरेख एक बार फिर नगर निगम के पास आई तो ये गंदे, बदबूदार, ऑक्सीजन रहित जल और जलकुंभी की गिरफ्त में आ गए।
संग्राम सागर
इस तालाब को विकसित करने के लिए 2 करोड़ रुपए की रकम खर्च की गई। इस डव्ल्पमेंट में पाथ-वे, गार्डन, तालाब की सीमा तक घाट, सीढिय़ाँ, पौधारोपण सहित अनेक विकास कार्य को अंजाम दिया गया। इससे जलाशय की खबसूरती में इजाफा भी खासा हुआ।
सूपाताल
इस तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए 4 करोड़ की लागत से कई तरह के निर्माण कार्य कराए गए। रेलिंग, पाथ-वे, फाउटेंन लगाया गया। कुल मिलाकर तालाब की सुंदरता में चार चाँद लगाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई।
अब हालात इस हद तक पहुँचे अब हालात इस हद तक पहुँचे
संग्राम सागर में गार्डन में हर तरफ गंदगी, कचरा है। तालाब में अगरबत्ती के पैकेट, सिंगल यूज पॉलीथिन के खाली पैकेट और तरह-तरह की गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
* तालाब के किनारे गुमटी बनाकर कब्जे किये जा रहे हैं। जो हिस्सा जिसको खाली मिल रहा है उसमें कब्जा करना चाहता है। पाथ-वे टूट रहा तो सीढिय़ाँ तक बिखर रहीं।
* सूपाताल में दूसरे हिस्से में रेलिंग उखाड़कर ले गए। पाथ-वे में थोड़ा सुधार हुआ पर बैठने की व्यवस्था जहाँ की गई वहीं पट्टी बिखर रही है। तर तरफ अव्यवस्था का आलम है।
* फाउंटेन जो कभी लगाया गया वह पूरी तरह गायब नजर आता है। इसी तरह किनारे के हिस्से में जो विकास कार्य हुये वे पूरी तरह से नगर निगम की अनदेखी में गायब नजर आते हैं। 2 करोड़ रुपए से जो विकास कार्य किये गये वे 2 महीने भी नहीं टिक सके। हर साल इसको विकसित करने की बात होती है लेकिन देखरेख तक नहीं हो पाती।
Created On :   25 Oct 2021 2:11 PM IST