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कोरोना संकटकाल के बिजली बिल माफी पर भिड़े दो दिग्गज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संकट के समय का बिजली बिल माफ करने को लेकर बयानों का दौर जारी है। राज्य के ऊर्जामंत्री नितीन राऊत ने कहा है कि बिजली बिल माफ करने का निर्णय उनका व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राज्य सरकार का निर्णय था। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को अधूरी जानकारी हो सकती है। ऊर्जामंत्री राऊत ने यह भी कहा कि ऊर्जा विभाग बिजली बिल माफ करने के लिए कर्ज नहीं लेता है।
केंद्र सरकार का सहयोग नहीं
दैनिक भास्कर से चर्चा में ऊर्जामंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। कोरोना संकट के दौरान लाकडाउन में 3 माह के बिजली बिल माफ करने का मामला चर्चा में है। ऊर्जामंत्री नितीन राऊत ने कहा था कि वह बिल माफ करने का विचार किया जा रहा है। 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने के बारे में भी बयान दिया था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि बिजली
बिल माफ नहीं किया जाएगा।
इस मामले पर राज्य के उद्योग मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा है कि बिजली बिल माफ करने की घोषणा जल्दबाजी में की गई। सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया। ऊर्जामंत्री ने व्यक्तिगत घोषणा की थी। दूसरी तरफ, ऊर्जामंत्री राऊत ने कहा है कि बिजली बिल माफ करने को लेकर राज्य सरकार ने निर्णय लिया था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में वित्तमंत्री अजित पवार के साथ बैठक में चर्चा हुई थी। एमईआरसी को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया था। इस मामले में 6 से 7 बार चर्चा हुई। अशोक चव्हाण कोरोना प्रभावित थे। वे बैठकों में शामिल नहीं थे। लिहाजा उन्हें इस संबंध में अधूरी जानकारी हो सकती है।
ऊर्जामंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग बिजली आपूर्ति व निर्माण के लिए कर्ज लेता है, बिजली बिल माफ करने के लिए कर्ज नहीं लेता है। केंद्र सरकार राज्य की भागीदारी की जीएसटी निधि नहीं दे रही है। बिजली मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन करनेवालों ने केंद्र सरकार का विरोध करना चाहिए, ताकि जल्द राज्य को आर्थिक सहयोग मिल पाए।
Created On :   28 Nov 2020 3:16 PM IST