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एससी-एसटी, महिला अभ्यर्थियों सहित चार पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप बंद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उच्च शिक्षा को सामान्य लोगों की पहुंच से बाहर करने के केन्द्र सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों की सच्चाई सामने आई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उसके द्वारा दी जाने वाली चार पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप बंद कर दी है। इसमें उच्च शिक्षा में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए शुरु की गई पोस्ट डॉक्टरल फैलोशिप के साथ अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थियों को दी जाने वाली पोस्ट डॉक्टरल फैलोशिप शामिल है। दरअसल, सांसद डा वी शिवादास ने राज्यसभा में यूजीसी फेलोशिप के बंद किए जाने के बारे में सवाल पूछा था। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इसके लिखित जवाब में यूजीसी के हवाल से राज्यसभा में बताया कि एमिरिटस फैलोशिप, डॉ एस राधाकृष्णन पोस्ट डॉक्टरल फैलोशिप इन ह्युमेनिटिज एंड सोशल सांइसेज, महिला अभ्यर्थियों को पोस्ट डॉक्टरल फैलोशिप, अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए पोस्ट डॉक्टरल फैलोशिप को बंद कर दिया गया है। हालांकि मंत्री ने यूजीसी के कहने के मुताबिक बताया है कि अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप इसकी शुरुआत से दी जा रही है, लेकिन यूजीसी की ही वार्षिक रिपोर्ट से पता चलता है कि इसे 2018-19 में बंद कर दिया गया है।
मंत्री ने यह भी कहा है कि वर्ष 2020-21 के दौरान फेलोशिप के लिए 1465.11 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई थी। फेलोशिप को बंद करने और इसे फिर से बहाल करने के पूछे सवाल पर हालांकि मंत्री ने कहा है कि यूजीसी ने फेलोशिप योजनाओं के दिशानिर्देशों को संशोधित और युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया है और इसके लिए एक समिति का गठन किया है। समिति द्वारा तैयार किए गए संशोधित दिशानिर्देशों को आयोग द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है और यूजीसी संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार इसके लिए आवेदन आमंत्रित करने के अंतिम चरण में है।
Created On :   3 Feb 2022 1:27 PM IST