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अनधिकृत निर्माणकार्य : आरमोर टाउनशिप वालों ने हाईकोर्ट में लगाई गुहार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुगतनगर स्थित आरमोर टाउनशिप के निवासियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से राहत की गुहार लगाई है। दरअसल हाईकोर्ट ने बीते 28 अगस्त को हाईटेंशन बिजली के तारों के समीप अनधिकृत निर्माणकार्य गिराने के आदेश मनपा और नासुप्र को जारी किए थे। इस आदेश पर प्रशासन ने 12 सितंबर को अर्जदारों को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर अनधिकृत निर्माणकार्य गिराने को कहा, जिसके बाद निवासियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाईकोर्ट द्वारा अनधिकृत निर्माणकार्य गिराने का आदेश तब जारी हुआ जब विशेष समिति ने कोर्ट को बताया कि इस असुरक्षित वातावरण के लिए प्रशासन के साथ-साथ घर मालिक भी जिम्मेदार हैं और दोनों पक्षों को हाईटेंशन तारों की पुनर्रचना का खर्च भी वहन करना चाहिए। अपनी सफाई में अर्जदारों ने कोर्ट में दलील दी है कि उन्होंने किसी प्रकार का अनधिकृत निर्माणकार्य नहीं किया है। उन्होंने अपना पक्ष पूर्व में विशेष समिति के सामने भी रखा था। मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 8 सप्ताह में जवाब मांगा है। मामले में एड. श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं। मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक और नासुप्र की ओर से एड. गिरीश कुंटे कामकाज देख रहे हैं।
यह है मामला
शहर में कुछ वर्ष पूर्व दो छोटे बच्चों की हाईटेंशन तारों के संपर्क में आने से मृत्यु हो गई थी। इसके बाद भी ऐसे अन्य मामले सामने आए थे, जिसके बाद कोर्ट ने सूू-मोटो जनहित याचिका दायर की थी। इस मामले में मदद के लिए एक विशेष समिति भी गठित की गई थी। समिति ने शहर में अनेक निर्माणकार्य नियमों के विरुद्ध पाए। शहर में बगैर सोचे-समझे इस विकास के लिए समिति ने नासुप्र और मनपा काे काफी हद तक जिम्मेदार बताया है, वहीं अनधिकृत निर्माणकार्यों में बिजली आपूर्ति करने के लिए महावितरण और एसएनडीएल को भी जिम्मेदार ठहराया। समिति ने कोर्ट को पूर्व में बताया था कि उन्हें 3,934 परिसरों में बिजली नियमों को उल्लंघन होता मिला था। इसमें 3100 रिहायशी, 650 व्यावसायिक और 122 औद्योगिक इकाइयों का समावेश है। इसमें से 90 प्रतिशत लोगों ने मंजूर प्रारूप का उल्लंघन करके निर्माणकार्य किया है। समिति ने इन लोगों पर जुर्माना लगाने के साथ ही हाईटेंशन तारों पर इन्सुलेटर लगाने, अंडरग्राउंड केबलिंग करने या फिर उनकी दिशा बदलने मंे से कोई एक विकल्प चुनने की सिफारिश की है।
Created On :   17 Sept 2019 3:14 PM IST