बेहोशी के इंजेक्शन के रिएक्शन से जच्चा-बच्चा की मौत

Unborn child died of reaction to unconsciousness
बेहोशी के इंजेक्शन के रिएक्शन से जच्चा-बच्चा की मौत
बेहोशी के इंजेक्शन के रिएक्शन से जच्चा-बच्चा की मौत


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में सोमवार रात प्रसव के दौरान एक जच्चा-बच्चा की मौत का मामला सामने आया है। प्रसूता की मौत ऑपरेशन के पूर्व लगाए गए बेहोशी के इंजेक्शन के रिएक्शन से होने की आशंका जताई जा रही है। मेडिकल कॉलेज के निश्चेतना विशेषज्ञ के मुताबिक प्रसूता को बेहोशी का इंजेक्शन लगाते ही झटके आना शुरू हो गए थे। प्रसूता को झटके आने के बीच ऑपरेशन के दौरान शिशु को भी नहीं बचाया जा सका। डॉक्टरों ने बताया कि पल्स कमजोर होने की वजह से नवजात की सांसें भी उखड़ी। घटना से अस्पताल में हड़कंप मच गया। मंगलवार सुबह आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने गायनिक वार्ड के ऑपरेशन थिएटर और सर्जिकल ऑपरेशन थिएटर से सभी बेहोशी के इंजेक्शन हटा दिए हंै। सिविल सर्जन ने लेटर जारी कर सभी को निर्देश दिए हैं कि उक्त बेहोशी के इंजेक्शन का इस्तेमाल न किया जाए।
बताया जा रहा है कि सुक्लूढाना निवासी 26 वर्षीय संजना पति संजीत कहार को सोमवार रात लगभग 8.30 बजे सीजर के लिए ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया था। बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया था। इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद संजना को झटके आने लगे और बीपी बढ़ गया। इस दौरान ऑपरेट किए गए शिशु बालक ने भी दम तोड़ दिया। चिकित्सकों की टीम ने संजना को आईसीसीयू में शिफ्ट कराया। यहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया।
झटके और ब्रेन में नहीं पहुंच पाती ऑक्सीजन-
निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी कुमार पटेल ने बताया कि बेहोशी के इंजेक्शन के बाद गर्भवती को तेजी से झटके आने के साथ बीपी बढऩे और ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी की समस्या होने लगी थी। जिसे कंट्रोल नहीं किया जा सका। इसके बाद लगभग तीन घंटे तक चिकित्सकों की टीम ने गर्भवती को बचाने का प्रयास किया, लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका।
वार्ड इंचार्ज से वापस मंगवाए इंजेक्शन-
बेहोशी के इंजेक्शन के रिएक्शन से मरीज की मौत की जानकारी मिलते ही मंगलवार सुबह सीएस ने एहतियात के तौर पर एमपीपीएचएससीएल से खरीदे गए बेहोशी के इंजेक्शन का तत्काल प्रयोग बंद करने के आदेश के साथ वार्ड इंचार्ज से गायनिक ओटी और सर्जिकल ओटी में रखे इंजेक्शनों को स्टोर रूम में लौटाने के निर्देश दिए हंै।
मेडिकल के डॉक्टर ने किया सतर्क-
मेडिकल कॉलेज के निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ.पटेल ने बेहोशी के इंजेक्शन के रिएक्शन की संभावना जताते हुए प्रबंधन को सतर्क किया है। उन्होंने उल्लेख किया है कि संभवत: इंजेक्शन के उपयोग के बाद मरीज को गंभीर मायोक्लोनिक संकुचन की जटिलता के कारण मरीज की मौत हुई है। इस वजह से इंजेक्शन के उपयोग बंद करा दिए गए है। प्रबंधन द्वारा एमपीपीएचसीएल को सूचना दी जा रही है।
एक दिन में दो प्रसूताओं की मौत-
जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में सोमवार सुबह से लेकर देर रात तक दो प्रसूताओं की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि रविवार को एक गर्भवती महिला रीना कुम्हरे की नार्मल डिलेवरी कराई गई। रीना ने मृत बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद उसे अत्याधिक रक्तस्त्राव हो रहा था। जिसकी वजह से सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई। इसी तरह सोमवार रात संजना कहार ने सीजर के दौरान दम तोड़ दिया।
इंजेक्शन जांच के लिए लैब भेजे गए-
- गर्भवती की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज के निश्चेतना विशेषज्ञ द्वारा इंजेक्शन के रिएक्शन की आशंका जताई गई है। जिसके बाद एहतियात के तौर पर सभी ओटी से इंजेक्शन वापस बुला लिए गए है। वहीं उस बैच के इंजेक्शन जांच के लिए लैब भेजे गए है।
- डॉ.श्रीमती पी गोगिया, सिविल सर्जन

Created On :   3 March 2020 4:42 PM GMT

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