केंद्रीय शिक्षा मंत्री आईआईटी इंदौर के 8वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल शामिल हुए मंत्री ने आईआईटी इंदौर के परिसर में विभिन्न इमारतों का उद्घाटन भी किया

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री आईआईटी इंदौर के 8वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल शामिल हुए मंत्री ने आईआईटी इंदौर के परिसर में विभिन्न इमारतों का उद्घाटन भी किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय केंद्रीय शिक्षा मंत्री आईआईटी इंदौर के 8वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल शामिल हुए मंत्री ने आईआईटी इंदौर के परिसर में विभिन्न इमारतों का उद्घाटन भी किया छात्र ज्ञान के मिशन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में अपने ज्ञान का प्रसार करेंगेः श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ आज आईआईटी इंदौर के 8वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल शामिल हुए। मंत्री ने केंद्रीय विद्यालय, कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र, केंद्रीय कार्यशाला, अभिनंदन भवन और तक्षशिला व्याख्यान हॉल परिसर की पांच इमारतों का भी उद्घाटन किया। चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, प्रोफेसर दीपक बी. फाटक ने समारोह की अध्यक्षता की और अध्यक्ष, सीनेट प्रो. नेलेश कुमार जैन ने डिग्री प्रदान की। सभी स्नातक छात्रों को बधाई देते हुए मंत्री ने कहा कि समाज की बेहतरी के लिए उपयोग किए जाने वाले ज्ञान का उपयोग किया जाना चाहिए। छात्र की वास्तविक परीक्षा तब शुरू होती है जब वह व्यावहारिक जीवन में सैद्धांतिक ज्ञान का उपयोग करता है। श्री पोखरियाल ने उम्मीद जाहिर की कि छात्र प्रगति और ज्ञान के मिशन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में अपने ज्ञान का प्रसार करेंगे। मंत्री को बताया कि आईआईटी इंदौर शोध के क्षेत्र में बढ़िया काम कर रहा है। संस्थान के शिक्षकों ने 2740 शोध पत्र, 35 किताबें और 175 चेप्टर लिखे हैं। यह दूसरी और तीसरी पीढ़ी के आईआईटी संस्थानों में प्रति संकाय का सर्वोच्च प्रशस्ति पत्र सूचकांक है। संस्थान ने 61 पेटेंट दायर किए हैं और इसके एक पेटेंट को मंजूरी भी दी गई है। मंत्री ने अकादमी और उद्योग के बीच अंतर को कम करने के लिए और एक आत्मनिर्भर भारत और नवाचार के लिए आईआईटी इंदौर के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वर्ष 2020 की एनआईआरएफ रैंकिंग में संस्थान को 10वां, एशियन यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2020 में 55वां स्थान और टाइम्स हायर एजुकेशन के यंग यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 64वीं रैंक मिली है। मंत्री ने आईआईटी इंदौर को उसकी नई इमारतों (केंद्रीय विद्यालय, कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र, केंद्रीय कार्यशाला, अभिनंदन भवन और तक्षशिला व्याख्यान हॉल परिसर), अभिनव कार्यक्रमों और दीक्षांत समारोह के लिए बधाई दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत का शिक्षा मंत्रालय इस तरह के सर्वांगीण विकास के प्रयासों के लिए हरसंभव सहयोग के लिए उनके साथ खड़ा रहेगा। आईआईटी इंदौर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष प्रोफेसर दीपक बी. फाटक ने कहा, “मैं उन सभी छात्रों को बधाई देता हूं जो आज स्नातक हो रहे हैं और मुझे यकीन है कि आप विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे और हम चाहेंगे कि आप निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें। कोविड-19 नाम की मौजूदा महामारी को देखते हुए यह सलाह दूंगा कि हमें धैर्य रखना चाहिए और अपने आत्मसंयम को बनाए रखना चाहिए और महामारी से लड़ना चाहिए। ज्ञान उद्विकास की प्रक्रिया है। मैं आप सभी से अपने विषय में ही नहीं बल्कि अन्य विषयों पर भी लगातार ज्ञान प्राप्त करने का आग्रह करता हूं। अब से आपके पास संस्थान के साथ नए संबंध और रिश्ते होंगे जो एक छात्र होने की तुलना में बहुत अधिक है। आपको अपने संस्थान से जुड़े रहना चाहिए और संस्थान के विकास में योगदान देना चाहिए। अंत में मैं आप सभी को अच्छा सोचने, अच्छा काम करने और एक अच्छा इंसान बनने की सलाह दूंगा।” दीक्षांत समारोह में विभिन्न पाठ्यक्रमों में छात्रों को कुल 412 डिग्री प्रदान की गईं। स्नातक करने वालों में 233 बीटेक, 58 एमएससी, 57 एमटेक, 6 एमएस (शोध) और 58 पीएचडी के छात्र शामिल हैं। बीटेक छात्रों में क्रमशः सिविल इंजीनियरिंग, और मेटालर्जी इंजीनियरिंग और मैटेरिलय साइंस में स्नातक करने वाले 34 और 31 बीटेक छात्रों का पहला बैच शामिल है। एमटेक छात्रों में मैकेनिकल सिस्टम डिज़ाइन और मेटालर्जी इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता के साथ प्रत्येक 10 छात्रों का पहला बैच शामिल था। एमएससी के 58 छात्रों में पहला बैच एस्टोनॉमी के 7 छात्रों का पहला बैच शामिल है। कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में 6 एमएस (अनुसंधान) छात्रों के पहले बैच ने भी इस दीक्षांत समारोह में डिग्री ली। पीएचडी छात्रों में श्री आनंद पेटारे संस्थान के पहले स्टाफ सदस्य हैं जिन्होंने इंस्टीट्यूट स्टाफ कैटेगरी में अपनी पीएचडी पूरी की है। सभी स्नातक अंडर ग्रेजुएट छात्रों के बीच सर्वश्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन के लिए प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया गोल्ड मेडल कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के श्री सप्तर्षि घोष को सम्मानित किया गया।

Created On :   20 Oct 2020 9:10 AM GMT

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