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कोंकण में जूट उद्योग के विकास की अपार संभावनाएं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने देश के कोंकण, उत्तर और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में जूट उद्योग विकसित करने और इसके बाजार नेटवर्क का विस्तार करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में जूट उद्योग के विकास के लिए अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि इसके तटीय क्षेत्रों में नारियल की अच्छी फसल होती है। राणे ने कहा कि भारत जूट के वैश्विक उत्पादन में 70 फीसदी और जूट उत्पादों के विश्व व्यापार में 80 प्रतिशत योगदान देता है। जूट उद्योद ग्रामीण क्षेत्रों में 7.3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है। इनमें 80 प्रतिशत महिलाएं शामिल है। लिहाजा ग्रामीण लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए तुलनात्मक, आर्त्मनिर्भर और सक्षम बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल छछवि के कारण जूट उत्पादों की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है।
जूट बोर्ड की 238वीं बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के बावजूद वर्ष 2020-21 के दौरान जूट और इसके उत्पादों के निर्यात में 17 प्रतिशत और मूल्य में 37 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह 3778.97 करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि जूट उद्योग एक पारंपरिक, श्रम प्रधान, ककृषि आधारित और निर्यातोन्मुखी उद्योग है। यह उद्योग कचरे को धन में परिव र्तित करता है, क्योंकि उपयोग किया जाने वाला कच्चा माल कचरे में फेंक दिया जाता है
Created On :   27 Sept 2021 9:46 PM IST