यूनिवर्सिटी करेगा कॉलेजों का ऑडिट, तीन वर्ष के लिए मिलेगा ग्रेडेशन

University is going to do the academic audit of the colleges
यूनिवर्सिटी करेगा कॉलेजों का ऑडिट, तीन वर्ष के लिए मिलेगा ग्रेडेशन
यूनिवर्सिटी करेगा कॉलेजों का ऑडिट, तीन वर्ष के लिए मिलेगा ग्रेडेशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी ने अपने सभी सम्बद्ध कॉलेजों का एकेडमिक ऑडिट करके उनकी गुणवत्ता टटोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए अधिष्ठाताओं के नेतृत्व में विशेष समिति गठित करने की तैयारी की जा रही है। यह मुद्दा जब यूनिवर्सिटी की बोर्ड ऑफ डीन्स की समिति के समक्ष उपस्थित हुआ तो अधिष्ठाताओं ने इसे मंजूरी तो दी, लेकिन इसके स्वरूप में परिवर्तन के सुझाव भी यूनिवर्सिटी को दिए। अधिष्ठाताओं ने तर्क दिया कि इस समिति में यदि उन्हें शामिल किया गया, तो उनका प्रत्येक कॉलेज में जाकर निरीक्षण करना संभव नहीं होगा। ऐसे में इस समिति में कुलगुरु द्वारा नामांकित सदस्यों को रखा जाना चाहिए। बैठक में एकेडमिक ऑडिट के मापदंड और कई मुद्दों पर चर्चा बाकी है।  

इन मुद्दों पर मूल्यांकन
कॉलेज में शैक्षणिक स्तर, सुविधाएं, परीक्षा प्रणाली, परिणाम, वित्त व प्रशासनिक प्रणालियों का इसमें मूल्यांकन किया जाएगा। इस आधार पर हुए मूल्यांकन के बाद नागपुर विश्वविद्यालय कॉलेजों को तीन वर्ष के लिए ए, बी या सी ग्रेड प्रदान करेगा। नए विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत विवि ऐसा कर रहा है। इस निर्णय पर मुहर लगाने के लिए यूनिवर्सिटी ने बोर्ड ऑफ डीन्स की बैठक बुलाई है, जिसमें इस योजना पर अंतिम निर्णय होगा। बता दें कि अब तक विश्वविद्यालय की लोकल इंक्वायरी कमेटी कॉलेजों का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लेती थी। इस आधार पर कॉलेजों को सम्बद्धता दी जाती थी, लेकिन इसी कड़ी में यूनिवर्सिटी ने एकेडमिक ऑडिट को भी जोड़ दिया है। एक स्वतंत्र कमेटी इसकी जिम्मेदारी संभालेगी।

ये हैं चुनौतियां
समस्या यह है कि नागपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई कॉलेज प्रभारी प्राचार्यों और सीएचबी शिक्षकों के दम पर चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता के लिए किए जाने वाले मूल्यांकन में कई कॉलेज फिसड्डी साबित होंगे। मूल्यांकन में यूनिवर्सिटी ने नियमित प्राचार्य के लिए 15 अंक और प्रभारी प्राचार्य के लिए 5 अंक निर्धारित रखे हैं। नियमित शिक्षकों की संख्या 75 से 100 फीसदी होने पर 30 अंक, 50 से 75 फीसदी होने पर 20 अंक और 25 से 50 फीसदी होेने पर 10 अंक निर्धारित किए हैं। पदभर्ती पर कई वर्षों से रोक है, नियमित शिक्षक व प्राचार्य लगातार सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 

कालेजों की दोहरी परीक्षा
अब कॉलेजों में लोकल इंक्वायरी कमेटी (एलईसी) के साथ ही एकेडमिक ऑडिट टीम को भी भेजा जाएगा। ऐसे में कॉलेजों में एक ही वक्त पर दो समितियां जांच करेंगी। अब तक स्वतंत्र रूप से काम करने वाली दाेनों समितियों की कार्यशैली पर बीते कुछ समय से सवाल उठ रहे हैं। कॉलेजों में जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता की जांच करने में इनकी ओर से भारी लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आया। कई बार एलईसी की रिपोर्ट ही गलत साबित हुई, तो एकेडमिक ऑडिट में भी कई खामियां छिपा देने का खुलासा हुआ। बीते दिनों बैद्यनाथ चौक स्थित सेंट्रल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन में निरीक्षण करने गई एलईसी समिति ने यहां पर्याप्त सुविधाएं होने की रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को दी, मगर वास्तव में वहां जरूरी सुविधाएं थी ही नहीं, ऐसे में यूनिवर्सिटी ने एलईसी समिति के सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था। वहीं अन्य कॉलेजों में हुए एकेडमिक ऑडिट में इस प्रकार की खामियां सामने आने पर यूनिवर्सिटी ने दोनों समितियों को एक साथ कॉलेज में भेजने का निर्णय लिया है।

Created On :   13 Dec 2018 11:42 AM GMT

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