नितेश राणे के निलंबन की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामा, शिवसेना हुई आक्रमक

Uproar in the assembly over demand for suspension of Nitesh Rane, Shiv Sena became aggressive
नितेश राणे के निलंबन की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामा, शिवसेना हुई आक्रमक
विधानभवन परिसर में म्याऊ-म्याऊ नितेश राणे के निलंबन की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामा, शिवसेना हुई आक्रमक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ अनुचित आचरण के मामले में शिवसेना विधायकों ने सोमवार को विधानसभा में भाजपा विधायक नितेश राणे के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया। सोमवार को शिवसेना के सुहास कांदे ने पाइंट ऑफ इंफर्मेशन के तहत यह मुद्दा उठाया और माफी न मांगने पर राणे को विधानसभा से निलंबित करने की मांग की। शिवसेना के सुनील प्रभू और भास्कर जाधव के साथ मंत्री नवाब मलिक ने भी इस मांग का समर्थन किया।  इस मुद्दे पर दोनों पक्षों ने आक्रामक रुख अपनाया और एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इसे भाजपा के एक और विधायक को निलंबित करने की साजिश बताया। दोनों पक्षों के सदस्य एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। शोरशराबे के चलते विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। कांदे ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि नितेश को अपनी हरकत पर अफसोस नहीं है। विधानसभा की सीढ़ियों पर आदित्य को देखकर अनुचित व्यवहार करने वाले नितेश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे फिर इसी तरह का आचरण करेंगे। कांदे ने कहा कि आदित्य वहीं इसका जवाब दे सकते थे लेकिन वे सम्मानित और पढ़े लिखे व्यक्ति हैं इसलिए उन्होंने ऐसा नहीं किया। लेकिन हम आदित्य का अपमान बर्दास्त नहीं करेंगे। शिवसेना विधायक सुनील प्रभू ने भी राणे को हमेशा के लिए विधानसभा से निलंबित करने की मांग की। भास्कर जाधव ने कहा कि भाजपा के 12 सदस्यों के निलंबन के दौरान जब वे अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे थे तो नितेश ने उनके खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने चंद्रकांत पाटील के बगल में बैठकर अनुचित बात कही थी। अगर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें उसी समय टोका होता तो उनकी बाद में इस तरह की हिम्मत नहीं होती। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी होने लगी तो पीठासीन अध्यक्ष ने सदन का कामकाज 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। 

बैठक में होगा फैसला 

सदन का कामकाज दोबारा शुरु होने पर देवेंद्र फड़नवीस ने आरोप लगाया कि सभागृह के बाहर की घटना पर भाजपा के एक और सदस्य को निलंबित करने की कोशिश की जा रही है। इस पर भास्कर जाधव ने कहा कि उन्होंने हरिभाऊ बागडे के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया। चर्चा में भाग लेते हुए चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि इस विषय को आगे नहीं बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी दल के सदस्यों का अपमान नहीं होना चाहिए। इसके लिए अधिवेशन के बाद एक बैठक बुलाकर एक आचार संहिता तैयार करनी चाहिए। आखिर में पीठासीन अध्यक्ष ने कहा इस मामले पर दोनों तरफ से नेताओं की बैठक में कोई फैसला लिया जाएगा।
 

Created On :   27 Dec 2021 8:12 PM IST

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