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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल करें जिप कर्मचारियों के तबादले में आने वाला खर्च
डिजिटल डेस्क, नागपुर। तबादले के समय देश कोरोना संक्रमण से जुझ रहा है। इस संकट के सामने कर्मचारियों के तबादले कोई मायने नहीं रखते। राज्य में जिला परिषद कर्मचारियों के तबादले पर 500 करोड़ खर्च होता है। तबादलों पर खर्च होनेवाली रकम कोरोना प्रतिबंधक उपाययोजना पर खर्च करने का सुझाव कास्ट्राइब जिला परिषद कर्मचारी संगठन ने दिया है। राज्य के ग्राम विकास व पंचायत राज विभाग को चिट्ठी भेजकर इस वर्ष जिप कर्मचारियों की तबादला प्रक्रिया रद्द करने की मांग की है।
15 मई 2014 के शासन निर्णय के अनुसार जिला परिषद कर्मचारी तथा वर्ष 2018 से प्राथमिक शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले किए जा रहे हैं। जिप कर्मचारियों के 20 प्रतिशत तबादले किए जाते हैँ, जिसमें 10 प्रतिशत जिला और 10 प्रतिशत पंचायत समिति स्तर पर तबादले किए जाते हैँ। जिला व पंचायत समिति स्तर पर 5 प्रतिशत प्रशासकीय और 5 प्रतिशत ऐच्छीक तबादले होते है।
ऑनलाइन तबादले से शिक्षक नाराज
पिछले दो वर्ष से प्राथमिक शिक्षकों के तबादले के लिए ऑनलाइन पद्धति अपनाई जा रही है। इस पद्धति पर शिक्षक नाराज है। राज्य में सत्ता परिवर्तन होने पर शिक्षकों के तबादले ऑफ लाइन करने की अनेक शिक्षक संगठनों ने सरकार से मांग की है। उनकी मांग पर ग्राम विकास मंत्री ने सकारात्मक प्रतिसाद देकर वर्ष 2020 में ऑफ लाइन तबादले करने का आश्वस्त किया है।
लड़खड़ाएगी कोरोना प्रतिबंधक उपाययोजना
जिला परिषद कर्मचारियों में ग्रामसेवक, स्वास्थ्य कर्मचारी, शिक्षक व अन्य कर्मचारियों का समावेश है। कोरोना की जंग में सभी कर्मचारी सिपाही बनकर काम कर रहे हैं। इस बीच तबादला प्रक्रिया अपनाए जाने पर कोरोना प्रतिबंधक उपाययोजना में खलल पैदा होकर व्यवस्था लड़खड़ा जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। कास्ट्राइब जिला परिषद कर्मचारी संगठन का सुझाव है कि इस वर्ष तबादला प्रक्रिया रद्द करना बेहतर होगा। इस संबंध में ग्राम विकास विभाग, पंचायत राज विभाग के अपर मुख्य सचिव को चिट्ठी भेजकर तबादला प्रक्रिया रद्द करने की मांग किए जाने की जानकारी संगठन के जिला कार्याध्यक्ष डॉ. सोहन चवरे ने दी।
Created On :   23 April 2020 3:05 PM IST