युवक की आत्महत्या के बाद जागी सरकार, उपमुख्यमंत्री की घोषणा - 31 जुलाई तक भरे जाएंगे एमपीएससी के रिक्त पद 

Vacant posts of MPSC will be filled by July 31st, Deputy CM announced in Assembly
युवक की आत्महत्या के बाद जागी सरकार, उपमुख्यमंत्री की घोषणा - 31 जुलाई तक भरे जाएंगे एमपीएससी के रिक्त पद 
युवक की आत्महत्या के बाद जागी सरकार, उपमुख्यमंत्री की घोषणा - 31 जुलाई तक भरे जाएंगे एमपीएससी के रिक्त पद 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (एमपीएससी) की सभी रिक्त जगहों को इस साल 31 जुलाई तक भरा जाएगा। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए स्वप्निल लोणकर नामक युवक की आत्महत्या का मुद्दा सदन में उठाया था। जवाब में पवार ने कहा कि लोणकर की आत्महत्या बेहद पीड़ादायक है। सरकार कोशिश करेगी कि राज्य में आगे इस तरह की कोई घटना न हो, इसके लिए जरुरी कदम उठाए जाएंगे। 

पुणे के युवक की आत्महत्या के बाद जागी सरकार 

अजित पवार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते किस तरह के हालात हैं, यह हम सभी जानते हैं। राज्य में भी कोरोना संक्रमण के चलते एमपीएससी की परीक्षाएं आगे कर दी गईं है। उन्होंने बताया कि स्वप्निल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रिमंडल की बैठक में लंबी चर्चा की। अजित पवार ने कहा कि मुझे राज्य की जनता को बताना है कि स्वप्निल ने 2019 में राज्य अभियांत्रिकी सेवा पूर्व परीक्षा दी थी। इसके बाद 24 नवंबर 2019 को हुई मुख्य परीक्षा में भी स्वप्निल पास हुआ और 1200 पदों के लिए जिन 3671 उम्मीदवारों को पात्र ठहराया गया था उसमें स्वप्निल भी शामिल था, लेकिन एसईबीसी मामले पर सुनवाई करते हुए 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगा दी। इसके चलते प्रक्रिया रोकनी पड़ी और सफल हुए विद्यार्थियों का इंटरव्यू नहीं हो सका। इसी दौरान कोरोना संक्रमण फैल गया।

एमपीएससी को सरकार ने स्वायत्ता दे रखी है और उसने परीक्षा रद्द करने का ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए आयोग के अध्यक्ष से संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि स्वायत्ता के बावजूद इस तरह का फैसला ठीक नहीं है। अजीत ने कहा कि एक राज्य के मुख्यमंत्री को चुनाव न हो पाने के चलते इस्तीफा देना पड़ा है। चुनाव आयोग कहता है कि हम चुनाव कराते हैं तो अदालतें मामले में कड़ा रुख अपनातीं हैं। न्यायालय के आदेश पर ही जिला परिषद चुनाव कराए गए। उपमुख्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के नेताओं ने वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।    

एमपीएससी में बदलाव की जरूरत-फडणवीस

इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने यह मुद्दा उठाते हुए विधानसभा में स्वप्निल द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट पढ़ा और कहा कि हमने एमपीएससी को स्वायत्तता दी है लेकिन स्वायत्तता मतलब स्वेच्छाचार नहीं होता। परीक्षा और इंटरव्यू नहीं हो रहे हैं इसलिए कई विद्यार्थी निराश हैं। उन्होंने कहा कि यह राजनीति का विषय नहीं है बल्कि हर विद्यार्थी के मन में उठने वाला सवाल है। सरकार कोई कदम उठाएगी या नहीं। इस अनुभव के बाद एमपीएससी में बदलाव की जरूरत है। इसके काम करने का तरीका नए सिरे से निर्धारित किया जाना चाहिए। इसकी समयसारिणी पर कड़ाई से पालन कराने की आवश्यकता है। एमपीएससी अपनी चाल से चल रहा है और उसे लोगों से कोई लेना देना नहीं है। युवाओं की जान बेहद कीमती है इसलिए सभी मुद्दों को अलग रखकर इस विषय पर चर्चा की जानी चाहिए। जिससे इसके बाद किसी और स्वप्निल लोणकर के सामने आत्महत्या की मजबूरी न आए। 

छात्रों के आ रहे फोनः मुनगंटीवार 

भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि एमपीएससी के 430 विद्यार्थियो ने सरकार से आत्महत्या की बात कही है। उन्हें 100 से ज्यादा विद्यार्थियों ने फोन कर कहा कि मुख्यमंत्री को मामले से अवगत काराया जाए। उन्होंने युवकों को आयु में दो साल की छूट देने की मांग की जिससे परीक्षार्थियों के थोड़ी राहत मिले। उन्होंने स्वप्निल के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की भी मांग की।    

 

Created On :   5 July 2021 7:12 PM IST

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