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पहले 17 हजार लोगों को वैक्सीनेशन, निजी सस्थाएं नहीं दे रही हैं जानकारी, इसलिए हो रही देर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में वैक्सीनेशन के लिए सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्राथमिकता देने के आदेश आए थे। उनके अनुसार, ग्रामीण और शहर के निजी और सरकारी अस्पताल और स्वास्थ केंद्र के डाॅक्टर और कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है, जिसमें फिलहाल 17251 लोगोें के नाम हैं। अहम बात यह है कि सभी शासकीय संस्थानों से सूची तो आ गई है, लेकिन अब भी कई निजी अस्पताल जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं।
इसलिए नहीं दे रहे जानकारी
सूत्रों के अनुसार, निजी अस्प्ताल और स्वास्थ्य केंद्र इसलिए जानकारी देने से बच रहे हैं, क्योंकि हर एक स्वास्थ्यकर्मी द्वारा भरे जा रहे फार्म में आईडी प्रुफ के लिए पैन कार्ड नंबर देना अनिवार्य और ये साझा नहीं करना चाहते।
90 प्रतिशत निजी अस्पतालों ने नहीं दिए नाम
शहर में अब भी लगभग 90 प्रतिशत निजी अस्पतालों की सूची नहीं आई है। यह क्षेत्र मनपा के अंतर्गत आता है, इसके तहत सभी अस्पतालों की जानकारी मनपा को एकत्रित करनी है। शहर में मेयो अस्पताल के 1327, मेडिकल के 4820, डागा अस्पताल से 318, मेंटल अस्पताल से 216, शालिनीताई मेघे अस्पताल से 238, आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज से 290, लता मंगेशकर अस्प्ताल से 2000 और मनपा अंतर्गत आने वाले शासकीय और निजी स्वास्थ्य केंद्रों से 2231 लोगों की सूची तैयार की गई है। नागपुर में करीब 600 से ज्यादा छोटे बड़े निजी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनकी सूची तैयार नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्र में 5811 लोगों की सूची तैयार
नागपुर जिले में कुल 13 तहसील हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्र सभी शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों की सूची बन गई है। लगभग 75 प्रतिशत निजी अस्प्तालों की भी जानकारी ली गई है। इसमें भिवापुर के 269, हिंगना के 463, कमलेश्वर के 371, काटोल के 551, कामठी के 601, कुही के 386, मौदा के 362, नागपुर ग्रामीण के 403, नरखेड के 368, पारशिवनी के 362, रामटेक के 578, सावनेर के 737 और उमरेड के 360 स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार हुई है। ग्रामीण क्षेत्र के कुल 5811 लोग हैं। इनमें अब भी कुछ निजी अस्पतालों की जानकारी नहीं दी गई है।
Created On :   1 Nov 2020 6:35 PM IST