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सरकार के पास विचाराधीन है विदर्भ-मराठावाड़ा वैधानिक विकास महामंडल के पुनर्गठन का प्रस्ताव -अजित पवार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विदर्भ, मराठवाड़ा और शेष महाराष्ट्र के लिए वैधानिक विकास मंडल का पुनर्गठन करने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार के पास विचाराधीन है। विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह जानकारी दी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि विदर्भ वैधानिक विकास मंडल का पुनर्गठन करने के संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दायर याचिका का मामला न्याय प्रविष्ट है। एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि कोंकण विकास मंडल स्थापित करने के लिए 20 फरवरी 2006 से 7 नवंबर 2019 के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को चार बार पत्र लिखकर आग्रह किया है। केंद्र सरकार को स्वतंत्र कोंकण विकास मंडल स्थापित करने के लिए संविधान अनुच्छेद 371 (2) (क) में संशोधन करना पड़ेगा। सदन के विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर और भाजपा परिणय फुके ने इस बारे में लिखित सवाल पूछा था।
जलयुक्त शिवार के 444 कार्यों की एसीबी कर रही जांच
पूर्व की भाजपा सरकार की जलयुक्त शिवार योजना के तहत मराठवाड़ा विभाग में हुए 444 कामों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के जरिए की जा रही है। विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के मृदा व जलसंरक्षण मंत्री शंकरराव गडाख ने यह जानकारी दी। गडाख ने बताया कि मराठवाड़ा में जलयुक्त शिवार योजना के माध्यम से साल 2015-16 से लेकर साल 2018-19 के बीच 1 लाख 84 हजार 931 का मंजूर किए गए थे। इसमें से 94.39 प्रतिशत यानी 1 लाख 74 हजार 555 काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि योजना पर साल 2015-16 से साल 2018-19 के बीच 1850 करोड़ में से 1694 करोड़ रुपए यानी 91.60 प्रतिशत खर्च हो चुके हैं। जलयुक्त शिवार योजना के कामों से मराठवाड़ा में साल 2015-16 से साल 2018-19 के बीच 12.64 लाख टीसीएम जल संचय क्षमता पैदा हुई है। इससे 25.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में एक बार और 12.64 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दो बार सिंचाई की जा सकती है। सदन के कांग्रेस सदस्य राजेश राठोड ने जलयुक्त शिवार योजना के कामों के बारे में लिखित सवाल पूछा था।
बेबीकिट के लिए खर्च हुए 165 करोड़
प्रदेश में साल 2019 से फरवरी 2022 के बीच नागपुर सहित राज्य के सभी अस्पतालों में बच्चों के जन्म पर बेबी केयर किट उपलब्ध कराने के लिए प्राप्त अनुदान 168 करोड़ रुपए में से 165 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। जबकि बजट में कुल 240 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने यह जानकारी दी। ठाकुर ने बताया कि साल 2019-20 में बेबी केयर किट के लिए बजट में 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। जिसमें से प्राप्त 48 करोड़ रुपए के अनुदान में से 45 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। साल 2020-21 में 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। इसके तहत प्राप्त 80 करोड़ रुपए की पूरी राशि खर्च हो चुकी है। साल 2021-22 के लिए बजट में 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। इसके जरिए प्राप्त 40 करोड़ रुपए की पूरी राशि खर्च हो चुकी है। ठाकुर ने बताया कि नागपुर जिले में ग्रामीण, आदिवासी और शहरी परियोजना के तहत साल 2019 से फरवरी 2022 के बीच 40 हजार 830 बेबी केयर किट आपूर्ति की गई थी। इसमें से अभी तक 33 हजार 441 बेबी केयर किट का वितरण किया जा चुका है। जबकि 7 हजार 389 बेबी केयर किट का वितरण करना बाकी है। सदन में कांग्रेस सदस्य अभिजीत वंजारी ने बेबी केयर किट उपलब्ध कराने के संबंध में लिखित सवाल पूछा था।
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Created On :   25 March 2022 9:18 PM IST