प्लास्टिक पर बैन की अफवाह से संकट में उद्योग, सरकार ने नहीं लिया कोई निर्णय

Vidarbha plastic Industry is crisis by rumor of ban on plastic
प्लास्टिक पर बैन की अफवाह से संकट में उद्योग, सरकार ने नहीं लिया कोई निर्णय
प्लास्टिक पर बैन की अफवाह से संकट में उद्योग, सरकार ने नहीं लिया कोई निर्णय

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गुढ़ी पाड़वा से राज्य सरकार द्वारा प्लास्टिक पर बैन लगने की भ्रामक जानकारी लोगों तक पहुंच रही है, जिसके चलते प्लास्टिक की बिक्री काफी प्रभावित हुई है। लोगों ने इन्हें खरीदना बंद कर दिया है। इससे प्लास्टिक उद्योग ठप  हो गया है। लेकिन वास्तव में सरकार ने अब तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। सरकार ने केवल हमें प्रपोजल दिया है। यह जानकारी विदर्भ प्लास्टिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (वीपीआईए) के सचिव हरिष मंत्री ने शनिवार को आयोजित पत्र परिषद में दी। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से प्लास्टिक पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया है। बाजार में अफवाह उड़ रही है। महाराष्ट्र में 50 माइक्रान तक के प्लास्टिक को परमिशन है। यहां के उद्योजक कानून के दायरे में रहकर ही काम करते हैं, लेकिन राज्य में  पड़ोसी राज्यों से 50 माइक्रान से नीचे की पन्नियां आ रही हैं। विदर्भ प्लास्टिक एसोसिएशन ने अपने सदस्यों को इनके निर्माण के लिए सख्त हिदायत दे रखी है। 

प्लास्टिक पर बैन लगने से होंगे हजारों बेरोजगार 
उन्होंने बताया कि विदर्भ में प्लास्टिक उत्पादों का निर्माण करनेवाली 150 से अधिक इंडस्ट्रीज हैं, जिनके माध्यम से 5000 से भी अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार  मिलता है। उसी प्रकार हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से भी रोजगार मिलता है। इंडस्ट्री बंद होने पर हजारों लोगों के सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। विदर्भ में प्रतिमाह 4000 टन माल की खपत होती है। यह इंडस्ट्री 1000 करोड़ से भी ऊपर की है। विदर्भ में थैलियों का बड़ा बाजार है। पत्र परिषद में वीआईए के ज्वाइंट सेक्रेटरी गिरधारी मंत्री, एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिलीप गांधी, पूर्व उपाध्यक्ष मनिष जैन, अजय अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल, हरिश महाजन आदि उपस्थित थे। 
 

Created On :   18 March 2018 11:50 AM GMT

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