नदी जोड़ो अभियान से बदलेगी विदर्भ की तस्वीर , सात जिलों को मिलेगी संजीवनी

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डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश भर में नदियों को जोड़ने के अभियान पर जोर दिया जा रहा है ताकि प्राकृतिक स्रोतों के जल वितरण में संतुलन स्थापित कर उचित व्यवस्थापन किया जा सके। इसी तर्ज पर विदर्भ के 7 जिलों के लिए भी वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना बनाई गई है। इसके तहत 427 किमी के क्षेत्र में नदियों को जोड़कर भंडारा से बुलढाणा तक जल वितरण की व्यवस्था की जाएगी। सबसे खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट के जरिये करीब 1,750 एमएम क्यूब पानी का उपयोग सिंचाई और जलापूर्ति के लिए किया जा सकेगा। फिलहाल, इस प्रोजेक्ट को प्रशासकीय मंजूरी के लिए राज्य के जलसंपदा विभाग भेजा गया है। जानकारों का मानना है कि इससे विदर्भ में किसान आत्महत्या के मामलों में भी खासी कमी आ जाएगी। क्योंकि इस अभियान से संबंधित जिलों में 1,286 एमएम क्यूब जल उपलब्ध होने से करीब 3,71,277 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। 

नदी जोड़ो अभियान के लिए साल 2009 में केंद्र सरकार ने तकनीकी सर्वेक्षण की जिम्मेदारी नेशनल वॉटर डेवलपमेंट एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) को सौंपी थी। जिसने दिसंबर 2018 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। विदर्भ सिंचाई महामंडल के अन्वेषण विभाग ने इसका अध्ययन कर जलसंपदा विभाग को भेज दिया है। इस पूरी योजना में करीब 53,752 करोड़ रुपए की लागत संभावित है। इसी साल 22 जुलाई को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और जल संपदा मंत्री गिरीश महाजन की बैठक के बाद परियोजना को प्रशासकीय मान्यता के लिए मंजूरी देने का आश्वासन मिल चुका है। ऐसे में जल्द ही परियोजना के शुरू होने की उम्मीद है।

परियोजना की संभावित लागत 53,752 करोड़ रुपए
नदी जोड़ो अभियान के लिए साल 2009 में केंद्र सरकार ने तकनीकी सर्वेक्षण की जिम्मेदारी नेशनल वॉटर डेवलपमेंट एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) को सौंपी थी। जिसने दिसंबर 2018 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। विदर्भ सिंचाई महामंडल के अन्वेषण विभाग ने इसका अध्ययन कर जलसंपदा विभाग को भेज दिया है। इस पूरी योजना में करीब 53,752 करोड़ रुपए की लागत संभावित है। इसी साल 22 जुलाई को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और जल संपदा मंत्री गिरीश महाजन की बैठक के बाद परियोजना को प्रशासकीय मान्यता के लिए मंजूरी देने का आश्वासन मिल चुका है। ऐसे में जल्द ही परियोजना के शुरू होने की उम्मीद है।

परियोजना में विदर्भ की तीन नदियां शामिल
वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना के तहत विदर्भ के दो हिस्सों में प्राकृतिक जल वितरण की व्यवस्था तैयार की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने एनडब्ल्यूडीए को 19 नदियों की सूची दी थी। इनमें विदर्भ की 3 नदियां शामिल थीं। इनमें कन्हान-वर्धा का 167, वैनगंगा-नलगंगा पूर्णा तापी में 427 और इंद्रावती वर्धा- वर्धा पैनगंगा पूर्णा के 200 किमी क्षेत्र शामिल है। 
करीब 8 साल तक एनडब्ल्यूडीए ने विदर्भ की तीनों नदियों का तकनीकी सर्वेक्षण किया। इसमें नदियों के ग्राऊंड लेवल, वॉटर लेवल, सूखाग्रस्त भागों में जल पहुंचाने की सुविधा का अध्ययन किया गया। इसके बाद 400 पन्नों में 200 ड्राइंग के साथ एनडब्ल्यूडीए ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। 

सिंचाई क्षेत्र में बढ़ोतरी की उम्मीद
जलसंपदा विभाग को उम्मीद है कि इस परियोजना के जरिए नागपुर जिले में 265 एमएम क्यूब पानी से 92,326 हेक्टेयर, वर्धा जिले में 235 एमएम क्यूब पानी से 56,646 हेक्टेयर, यवतमाल जिले में 60 एमएम क्यूब पानी से 15,895 हेक्टेयर, अमरावती जिले में 302 एमएम क्यूब पानी से 83,571 हेक्टेयर, अकोला जिले में 284 एमएम क्यूब पानी से 84,625 हेक्टेयर और बुलढाणा जिले में 140 एमएम क्यूब पानी से 38,214 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा मिल जाएगी। इसके अलावा सभी जिलों में 32 एमएम क्यूब पानी पेयजल के लिए आरक्षित होगा। साथ ही 397 एमएम क्यूब पानी औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी आरक्षित रखा गया है।

प्रस्ताव जलसंपदा विभाग को भेजा गया है। प्रशासकीय अनुमति मिलते ही आगे की प्रक्रिया का निर्धारण कर एस्टीमेट तैयार किया जाएगा। हाल ही में बुलढाणा जिले में नलगंगा के लाभक्षेत्र को 47 किमी तक बढ़ाने की मांग का निवेदन भी मिला है। इसे भी परियोजना में शामिल करने पर विचार किया जाएगा।  - जयंत बोरकर,  अधीक्षक अभियंता, सिंचाई अन्वेषण विभाग, नागपुर
 

Created On :   11 Nov 2019 8:00 AM GMT

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