मढ़ई में अब ग्रामवासी अपने घर पर्यटकों को ठहरा सकेंगे

Villagers can now accommodate their home tourists in the Madhai
मढ़ई में अब ग्रामवासी अपने घर पर्यटकों को ठहरा सकेंगे
मढ़ई में अब ग्रामवासी अपने घर पर्यटकों को ठहरा सकेंगे

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के होशंगाबाद जिले में सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के क्षेत्र में स्थित प्राकृतिक सौनदर्य से भरपुर मढ़ई में अब ग्रामवासी पर्यटकों को निश्चित शुल्क लेकर अपने घर में ठहरा सकेंगे। यह नया प्रावधान मढ़ई विकास योजना 2021 में के उपातंरण में किया गया है। 11 अगस्त के बाद ये नए प्रावधान लागू कर दिए जाएंगे।

मढ़ई के स्वीकृत निवेश क्षेत्र में सात ग्राम आते हैं। इनमें कामती, टेकापार, सारंगपुर, घोघरी एवं बीजाखारी सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के बफर जोन में आते हैं। जबकि रैनीपानी एवं श्रीरंगपुर ग्राम बहुपयोगी क्षेत्र के ग्राम हैं। नए प्रावधान के तहत निवेश क्षेत्र में स्थित ग्रामों की वर्तमान आबादी से 100 मीटर दूरी तक ही आवासीय उपयोग मान्य किया गया है। निवेश क्षेत्र के इन ग्रामों के वर्तमान आवास में तीन कमरे तक स्टे होम के रुप में उपयोग किए जा सकेंगे। 

होम स्टे से आशय बताया गया है कि स्थानीय निवासियों के निजी आवास को हॉलीडे/रेंट पर देकर रुकने की सुविधा। होम स्टे एक प्रकार का ऐसा निवास होता है, जिसमें आंगतुकों स्थानीय व्यक्ति के निजी आवास में रुकते हैं तथा जिसका वित्तीय आदान-प्रदान हो सकता है। निवेश में स्थित ग्रामों में निवासरत ग्रामीणों के निजी आवास को आबादी क्षेत्र में विस्तार मान्य होगा, लेकिन होम स्टे में डारमेट्री किस्म की व्यवस्था प्रतिबंधित रहेगी।उपांतरण प्रस्ताव में बताया गया है कि वर्तमान में मढ़ई में स्थित तीन रिसोर्ट तथा एक फारेस्ट हाऊस में 90 बिस्तरों की व्यवस्था है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या को दृष्टिगत रखते हुये विकास योजना में रिसोर्ट तथा केम्पिंग साईट हेतु स्थान प्रस्तावित किए गये हैं। बफर जोन के ग्रामों में फार्म हाऊस न्यूनतम दो हैक्टेयर आकार के हो सकेंगे। फार्म हाऊस केवल उसी भूमि पर अनुज्ञेय होगा जिसके लिये पहुंच मार्ग/मेढ़ उपलब्ध हो।

इसके अलावा बफर जोन के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में खुले स्थानों पर रिसोर्ट बनाने की अनुमति दी जा सकेगी। बफर जोन में न्यूनतम क्षेत्रफल 2 हैक्टेयर यानि पांच एकड़ में दस बेड वाले 5 कमरे/काटेज प्रति एकड़ मान्य होंगे। बफर जोन के बाहर आने वाले ग्राम श्रीरंगपुर तथा रैनीपानी में एक हैक्टेयर यानि ढाई एकड़ न्यूनतम क्षेत्रफल होना आवश्यक होगा। नवीन रिसोर्ट अथवा होटल का अग्रभाग देनवा जलाशय की ओर रखना अनिवार्य होगा। पेड़ के ऊपर बनाये जाने वाले ट्री हाऊस दस मीटर ऊंचाई तक के ही हो सकेंगे। वर्तमान रिसार्ट/होटल के द्वारा अपने भवन का विस्तार विकास योजना के नियमन का प्रावधान होने पर ही हो सकेगा।

इसी प्रकार ग्राम रैनीपानी और श्रीरंगपुर को छोडक़र अन्य ग्रामों में न्यूनतम 4 हैक्टेयर क्षेत्र भूखण्ड में अस्थाई 15 टेंट लगाये जा सकेंगे। इन सभी कार्यों के लिये बफर जोन के ग्रामों के लिये सतपुड़ा टाईगर रिजर्व तथा वन मंडल होशंगाबाद तथा ग्राम रैनीपानी व श्रीरंगपुर हेतु सामान्य वनमंडल होशंगाबाद की अनापत्ति लेना जरुरी होगा।

इनका कहना है
‘‘मढ़ई में पर्यटकों के ठहरने के लिये वहां की विकास योजना में उपांतरण प्रस्तावित किया गया है। अब इन्हीं प्रावधानों के तहत वहां रिसार्ट/होटल, अस्थाई टेंट व होम स्टे बन सकेंगे।’’
-बीएल बान्के, निवृत्तमान असिस्टेंट डायरेक्टर टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग होशंगाबाद

Created On :   10 Aug 2018 1:06 PM IST

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