झील में मिला HIV पीड़ित महिला का शव, संक्रमण के डर से गांववालों ने खाली कराई पूरी झील

villagers drained the lake after hiv infected womans body found in it
झील में मिला HIV पीड़ित महिला का शव, संक्रमण के डर से गांववालों ने खाली कराई पूरी झील
झील में मिला HIV पीड़ित महिला का शव, संक्रमण के डर से गांववालों ने खाली कराई पूरी झील
हाईलाइट
  • कर्नाटक के हुबली जिले में एक विचित्र घटना सामने आई है।
  • गांव के लोगों ने इस झील का पानी पिने से मना कर दिया।
  • हुबली के मोराब गांव में एक महिला ने झील में कूद कर जान दे दी।

डिजिटल डेस्क, हुबली। कर्नाटक के हुबली जिले में एक विचित्र घटना सामने आई है। हुबली के मोराब गांव में एक महिला ने झील में कूद कर जान दे दी। इसके बाद गांव के लोगों ने इस झील का पानी पिने से मना कर दिया। गांव वालों का कहना है कि महिला HIV पॉजिटिव थी, ऐसे में पानी इस्तेमाल करने से वह भी इससे ग्रसित हो जाएंगे। प्रशासन ने गांववालों को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके। अब इस झील को खाली करवाया जा रहा है और पूरा खाली होने के बाद इसे फिर से मालाप्रभा नहर से भरा जाएगा।

हुबली-धारवाड़ नगर निगम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रभु बिरदार ने कहा, मृतक महिला के HIV पीड़ित होने के शक के बाद गांव के लोगों ने झील से पानी निकालना शुरू कर दिया। यह पूरी तरह से अवैज्ञानिक है, क्योंकि HIV पानी के माध्यम से नहीं फैलता है। वहीं डिस्ट्रिक्ट हेल्थ मिनिस्टर डॉ. राजेंद्र डोड्डामनि ने भी लोगों को समझाने की कोशिश की और कहा कि वह डरें नहीं, क्योंकि HIV पानी से नहीं फैलता, लेकिन गांव वाले इसे मानने को तैयार नहीं हैं।

दरअसल मामला उत्तर कर्नाटक के हुबली से 30KM दूर नावलगुंड तालुका के मोराब गांव का है। इस गांव में मौजूद झील इलाके की सबसे बड़ी झील है। 29 नवंबर को इस झील से एक महिला का शव मिला था। मृतिका के HIV संक्रमित होने के डर से गांववालों ने पानी इस्तेमाल करने से मना कर दिया। लोगों का कहना है कि पानी भी संक्रमित हो चुका है। ग्राम पंचायत ने इसे खाली करवाने का ऑर्डर दे दिया।

प्रशासन ने गांववालों से परेशान नहीं होने की अपील की। उन्होंने कहा कि पानी का टेस्ट किया जाएगा, जिसके बाद झील को खाली करवाने या नहीं करवाने पर निर्णय लेंगे। गांव वाले नहीं माने और कहा कि कोई आम इंसान होता, तो पानी पी लिया जाता, पर शव गली हुई स्थिति में था और HIV संक्रमित था। इसके बाद प्रशासन को हार मानकर उसे खाली करवाना पड़ रहा है। प्रशासन ने इसके लिए 20 साइफन ट्यूब्स और पानी की चार मोटरों का इस्तेमाल कर रही है। 

ग्राम पंचायत के मेंबर लक्ष्मण पाटिल ने कहा कि अभी केवल 60 फीसदी झील खाली की गई है। पाटिल ने कहा कि खाली करवाने में कम से कम 5 दिन लगेंगे। हालांकि प्रशासन अधिकारियों ने 6 दिसंबर तक सारा काम पूरा करने के लिए कहा है। अधिकारियों ने कहा कि मालाप्रभा नहर 8 दिसंबर को बंद हो जाएगी और अभी झील को वापस भरना भी है। ऐसे में गांववालों की दिक्कत बढ़ सकती है।

Created On :   5 Dec 2018 3:58 PM GMT

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