बिलख उठे गांव के गांव: अंतिम विदाई में हर आंख रोई

Villages of the village cried out: every eye cried in the last farewell
बिलख उठे गांव के गांव: अंतिम विदाई में हर आंख रोई
पन्ना बिलख उठे गांव के गांव: अंतिम विदाई में हर आंख रोई

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले के सांटा बुद्ध सिंह गांव मंगलवार को उस वक्त फूट-फूट कर रो पड़ा, जब ३ दंपतियों समेत एक साथ ८ चिताएं धू-धू कर जल उठीं। उत्तराखंड बस हादसे के २४ में से इन ८ मृतकों को अंतिम विदाई के दौरान  हर आंख रो रही थी। अंतिम विदाई को जनसैलाब टूट पड़ा। दूर-दूर तक हालात बेहद भावुक थे। बस हादसे के सबसे ज्यादा मृतक इसी गांव के हैं। 
एक ही परिवार के ६ सदस्य :---- 
मृतकों में सांटा बुद्ध सिंह गांव के एक ही परिवार के ६ सदस्य शामिल थे। इनमें 
शिक्षक दिनेश द्विवेदी (६०), उनकी पत्नी प्रभा द्विवेदी (५८) , ८० वर्षीया मां राजकुंवर , चचेरे भाई हरिनारायण द्विवेदी (५७) उनकी पत्नी हरिबाई ,एक अन्य चचेरे भाई रूपनारायण द्विवेदी(५६) शामिल थे। हादसे की शिकार इसी बस में सवार सांटा बुद्धा सिंह गांव के राजाराम राजपूत (६२) उनकी पत्नी गीताबाई (६०)का भी निधन हो गया था। 
 सांसद ने बंधाया धैर्य:------
इसी बीच  खजुराहो सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा , पवई विधायक प्रहलाद लोधी, गुनौर विधायक शिवदयाल बागरी, निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष रविराज यादव, जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष  शारदा पाठक, पूर्व मंत्री मुकेश नायक ,भाजपा नेता संजय नगायच, कांग्रेस के भुवन विक्रम सिंह  और युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष भास्कर पांडेय ने संाटा बुद्ध सिंह गांव पहुंच कर परिजनों से भेंट कर सांत्वना दी। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है। 
मोहन्द्रा : एक साथ उठीं ४ अर्थियां   
मोहन्द्रा में ऐसा पहली बार था जब एक ही परिवार से ४ अर्थियां उठीं। इन अर्थियों में कटैहा परिवार के दो बुजुर्ग दंपति मेनका कटैहा उनकी पत्नी सरोज, बांके बिहारी  और उनकी पत्नी रामसखी के पार्थिव देह शामिल थे। मेनका की बेटी की हालत बिगड़ जाने के कारण बहन के गांव में ही अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया। अंतिम विदाई में जनसैलाब उमड़ पड़ा। चारो पार्थिव देह का अंतिम संस्कार 
परिवार के पैतृक मुक्तिधााम गुहरहाई पैंता में किया गया।  मेनका और सरोजबाई को मुखाग्नि बेटे शिवगोविन्द और बांके बिहारी तथा रामसखी को उनके पुत्र सत्येन्द्र ने दी।    

  मासूम बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि  
ककरहटा गांव में हालात उस वक्त बेहद भावुक हो गए जब महज १० वर्ष के मासूम हर्षित ने अपने ३४ वर्षीय पिता राजकुमार को मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। राजकुमार के ६७ वर्षीय पिता मस्तराम राजपूत लकवा से पीडि़त हैं। शारीरिक रुप से लाचार सेवानिवृत्त शिक्षक मस्तराम की मन्नत लेकर पत्नी राजकुमारी और बेटा राजकुमार चारधाम की यात्रा पर गए थे। बस हादसे में बेटे राजकुमार की मौत हो गई और गंभीर रुप से घायल मां राजकुमारी का अभी भी देहरादून में इलाज चल रहा है। रात तकरीबन १० बजे जैसे ही जवान बेटे का शव ककरहटा गांव पहुंचा पूरा गांव विलख उठा।   

  सुहाग के साथ सुहागिन के जोड़े में अंतिम विदाई   
अमानगंज के समीपी गांव उडला पंडवन में रामभरोसे कुसमहा और उनकी पत्नी शीलाबाई की अंतिम यात्रा के लिए अलग-अलग दो अर्थियां सजाई गई थीं। सुहाग के साथ सुहागिन के जोड़े में अंतिम विदाई केन नदी के किनारे दी गई। अंतिम यात्रा में खजुराहो के सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी शामिल हुए। 
कुसमहा दम्पत्ति की अर्थी को कंधा भी दिया। पंडवन में केन नदी में ६ सहायक नदियों का संगम है।  
 २ दंपतियों को अंतिम विदाई प्रयागराज में :--- 
उत्तराखंड के बस हादसे में मृत पन्ना जिले के २४ तीर्थयात्रियों में २० मृतकों को अंतिम विदाई जहां पैतृक ग्रामों में दी गई, वहीं ४ मृतकों के अंतिम संस्कार परिजनों ने प्रयागराज में किए। इनमें पवई निवासी अवधेश पांडेय एवं उनकी पत्नी  शंकुतला   , कुंवरपुर निवासी बद्री प्रसाद शर्मा एवं उनकी पत्नी चंद्रकली शर्मा के पार्थिव देह शामिल हैं। 
 
  सिमरिया में गर्ग दंपति और कोनी में देवर-भाभी को अंतिम विदाई  
इसी बीच मंगलवार को सिमरिया में धर्मपारायण जागेश्वर गर्ग और उनकी पत्नी अनिल कुमारी  तथा कोनी गांव में ६० वर्षीय शरण सिंह और उनकी ६७ वर्षीया भाभी सुमत रानी के अंतिम संस्कार किए गए। उत्तराखंड में बस हादसे में मृत एक अन्य तीर्थ यात्री करण सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव चिखला में किया गया। इस दौरान सिमरिया कस्बे के व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे।

Created On :   8 Jun 2022 6:14 PM IST

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