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राशन की थैली पर चिपके नेता, प्रशासन है खामोश
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राशन दुकान से विधानपरिषद चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद भी राशन किट बांटे जाने की जानकारी मिली है। प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री के फोटो वाली राशन किट को खुलेआम वितरित किया जा रहा है। कुछ माह बाद होने वाले मनपा चुनावों के मद्देनजर थैली को झोपड़पट्टी और गरीब इलाके में बांटा जा रहा है। डीबी स्टार ने मरारटोली की सरकारी राशन दुकान के संचालक से वार्तालाप किया तो यह खुलासा हुआ कि दामोदर किराना स्टोर्स से अभी भी राशन किट का वितरण किया जा रहा है। आपूर्ति विभाग के अधिकारी भी इस दुकान पर कार्रवाई करने से डर रहे हैं। यह संवाद रामनगर परिसर स्थित सरकारी राशन दुकान के संचालक से भास्कर के संवाददाता का है
सवाल- भाऊ राशन की थैली होना था।
जवाब- कितनी थैली होना।
सवाल- 100 राशन की थैली दे दो।
जवाब – इतनी नहीं है, 40 से 50 मिल सकती है। किस इलाके के लिए होना।
सवाल- सीताबर्डी की झोपड़पट्टी में बांटना है।
जवाब – कुछ दिन पहले ही इस इलाके में 400 राशन की थैली भेजी है। प्रभाग के अध्यक्ष से पूछो।
सवाल- तुमको मेरा नंबर किसने दिया।
जवाब – गांधीबाग इलाके के साहब से मिला है।
जिला निर्वाचन कक्ष के टास्क फोर्स पर सवाल
विधानपरिषद चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। रामनगर के समीप मरारटोली में सरकारी राशन दुकान पर राजनीतिक दल की थैली में अंत्योदय सूची के नागरिकों को अनाज का वितरण हो रहा है। थैली पर प्रधानमंत्री समेत केंद्रीय मंत्री का फोटो भी लगा हुआ है। हैरानी यह है कि सरकारी राशन दुकान पर आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर आपूर्ति विभाग और जिला प्रशासन को कोई खबर तक नहीं है, जबकि जिला निर्वाचन कक्ष में आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराने के लिए टास्क फोर्स भी तैयार की गई है। आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का दावा है कि लॉकडाउन के दौरान अनाज किट की थैली दी जा रही होगी। हालांकि अब थैली का वितरण खुले तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन है, लेकिन कार्रवाई का अधिकार जिला निर्वाचन कक्ष को होने से कुछ भी नहीं किया जा सकता है। आपूर्ति विभाग ने मामले की जानकारी जिला निर्वाचन कक्ष को देने का दावा भी किया है। ऐसे होता है राशन दुकानों से अनाज वितरण शहर में करीब 683 स्वस्त राशन दुकानों का संचालन आपूर्ति विभाग करता है। खाद्य निगम के गोदाम से 60 जीपीएस सुविधा वाले वाहनों से दुकानों तक राशन को पहुंचाया जाता है। प्रत्येक दुकान को अपने इलाके में 560 से 1,000 राशन कार्ड पर सामग्री वितरण करने की जिम्मेदारी दी गई है। करीब 7 साल से गैर प्राथमिकता वाले राशन कार्ड पर अनाज का वितरण रोक दिया गया है। गैर प्राथमिकता वाली सूची में केसरी रंग वाले 59 हजार से 1 लाख रुपए तक आमदनी वाले परिवार का समावेश है। शहर में 2,70,800 परिवार गैर प्राथमिकता सूची में शामिल हैं।
इस माह समाप्त होगी मुफ्त अनाज योजना : अंत्योदय श्रेणी के परिवार को प्रतिमाह 35 किलो अनाज का वितरण किया जाता है। शहर में अंत्योदय योजना के 44,733 परिवार और प्राथमिकता सूची वाले 3,37,171 परिवारों का समावेश है। आमतौर पर इन कार्डधारकों को न्यूनतम दाम पर 2 रुपए प्रतिकिलो गेहूं और 3 रुपए प्रतिकिलो चावल के लिए दिया जाता है, लेकिन लॉकडाउन में आजीविका संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत मई से नवंबर तक प्रत्येक सदस्य को पांच किलो अनाज राशन दुकान से वितरित किया जा रहा था, लेकिन अब अगले माह से राशन का दाम चुकाना होगा। राशन दुकानों के माध्यम से शहर में प्रतिमाह 33,260 क्विंटल गेहूं और 49,900 क्विंटल चावल का वितरण किया गया है।
तत्काल कार्रवाई होगी
सुजाता गंधे, उपजिलाधिकारी एवं प्रभारी, आचार संहिता कक्ष के मुताबिक राशन दुकान से सरकारी योजना के अनाज वितरण में राजनीतिक दल और नेताओं वाली थैली का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद है। इस मामले में उपविभागीय अधिकारी गाड़गे को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाएगा।
Created On :   18 Nov 2021 4:31 PM IST