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कोरोना काल की फीस माफ करें स्कूल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना काल में बीकेसीपी शाला बंद थी तथा विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा भी प्रदान नहीं की गई। शाला द्वारा कोरोना काल में विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रखा गया। ऐसे में विद्यार्थियों के पालकों से बार-बार फीस अदा करने को कहा जा रहा है। इस संबंध में ग्रामोन्नति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष व पूर्व सांसद प्रकाश जाधव ने शिक्षण उपसंचालक डॉ. वैशाली जामदार से मिलकर कोरोना काल की फीस माफ करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा। कन्हान की बीकेसीपी शाला में नर्सरी से 10वीं कक्षा तक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। कोरोनाकाल मार्च 2020 से शालाएं बंद होने से विद्यार्थियों का काफी नुकसान हुआ है। आपातकालीन परिस्थिति में शाला द्वारा किसी भी प्रकार की शिक्षा फीस न लेते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करना चाहिए। ऐसी शासन की नीति है। बीकेसीपी शाला द्वारा मार्च 2020 से जून 2021 तक नर्सरी, 1 पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को वाट्सएप ब्रॉड कास्ट ग्रुप बनाकर पिछले वर्ष के विद्यार्थियों के नोट्स के फोटो भेजकर उसे लिखने के लिए कहा गया। इसमें विद्यार्थियों को आने वाली समस्याओं की कोई सुध नहीं ली गई। महाराष्ट्र शासन शिक्षण विभाग द्वारा 2020-21 के शिक्षा सत्र में 25 प्रतिशत कम किए गए अभ्यासक्रम, लेकिन शाला द्वारा अभ्यासक्रम को कम न करते हुए विद्यार्थियों को पूरा अभ्यासक्रम भेजकर उनकी दिशाभूल की गई। विद्यार्थियों द्वारा पूरी फीस भरे बगैर उन्हें आगे की कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जा रहा। विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान नहीं की जा रही, बोनाफाईड, मार्कलिस्ट, टीसी नहीं दी जा रही।
इस प्रकार पालकों को परेशान करने का गोरखधंधा किए जाने का आरोप भी लगाया गया है। धर्माध नोंदणी कृत संस्था द्वारा संचालित शाला नर्सरी से कक्षा 8वीं तक विद्यार्थियों को प्रवेश देते समय प्रत्येक पालकों से 2 से 7 हजार रुपए सेक्यूरेटी डिपाजिट के नाम पर किसी कानून के तहत वसूला जा रहा है। इसी तरह पालकों द्वारा दी गई सेक्यूरेटी डिपाजिट 10 से 13 साल में याने 10 वीं पास होने के बाद स्कूल छोड़ते समय ब्याज के साथ वापस न करते हुए रसीद संभालकर रखी होगी तो ही सेक्यूरेटी डिपाजिट की मूल रकम वापस दी जाती है। शाला बंद होने के बावजूद विद्यार्थियों से अन्य प्रकार की फीस भी वसूली जा रही है। 1 जुलाई 2021 से शाला द्वारा ऑनलाइन शिक्षा शुरू की गई और 3 अगस्त 2021 तक फीस नहीं भरने से विद्यार्थियों को दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा बंद कर दी गई। शाला प्रशासन पर सख्त कार्रवाई करते हुए कोरोनाकाल में शाला बंद होने से शुरू होने तक की फीस माफ करने तथा कोरोनाकाल में मृत हुए पालकों के विद्यार्थियों की फीस पूरी तरह माफ कर विद्यार्थियों को न्याय दिलाने की मांग शिक्षण उपसंचालक वैशाली जामदार, सहायक उपसंचालक मेढे से की गई। इस अवसर पर पालक मोतीराम राहटे, कमलेश पांजरे, राजा रामल्लेवार, अशोक खंडाईत, प्रवीण जुमले, दिवाकर इंगोले, सुनील सरोदे, किशोर वासाडे आदि उपस्थित थे।
Created On :   22 Aug 2021 3:36 PM IST