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अस्पताल में नजर नही आते वार्डबाय, ध्यान नहीं दे रहा अस्पताल प्रबंधन
डिजिटल डेस्क मंडला। जिला अस्पताल मंडला में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल है। यहां मरीज के परिजनों को ही स्ट्रेचर और व्हीलचेयर धकेलनी पड़ रही है। यहां अस्पताल में वार्डबाय नजर नही आते है। जिसके कारण मरीजों मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। यहां व्यवस्थाएं सुधारने के लिए अस्पताल प्रबंधन का ध्यान नहीं है। जिससे मरीजों की समस्या कम नही हो रही है। जानकारी के मुताबिक 300 बिस्तरीय जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं मरीजों को नहीं मिल रही है। यहां डॉक्टर्स की कमी के कारण मरीजों को उपचार के लिए परेशान होना पड़ता है। इसके अलावा यहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी लापरवाही करते है। जिसके कारण मरीज अस्पताल में भटकते नजर आते है। यहां जिला अस्पताल में जिले भर से मरीज और घायल आते है। उन्हें अस्पताल बिल्डिंग में वार्डो की जानकारी कम होती है। इस स्थिति में मरीज को वार्ड तक पहुुंचाने और जांच के लिए ले जाने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है।
इस तरह की हो रही परेशानी-
मरीज विनोद झारिया निवासी कटरा की शुगर बढ़ जाने के कारण अस्पताल लाया गया। मरीज चलने में असमर्थ था, परिजन स्ट्रेचर से वार्ड ले गये। सुखदीन बरकड़ को पैर में चोट थी, यहा परिजन व्हीलचेयर के मरीज को जांच के लिए ले गये। यही हाल पीतम नंदा निवासी पिंडरई का था, पैर में चोट के कारण मरहम पट्टी के लिए मरीज को परिजन व्हील चेयर पर लेकर गये।
अस्ताल में 22 वार्डबाय पदस्थ-
मंडला जिला अस्पताल में वार्ड बॉय की कमी नही है। यहां 22 वार्डबॉय पदस्थ है। नियमित वार्डबॉय के 7 पद स्वीकृत है। जिसमें सभी पद भरे है। इसके अलावा आकस्मिक वार्डबॉय के 9 पद है। जिसमें 8 पद भरे है। संविदा वार्डबॉय के 18 पद है। जिसमें 7 पद भरे है। यहां अस्पताल में वार्डबॉय से कुछ वार्ड बॉय से मूल काम छोड़कर कम्प्यूटर और अन्य वर्क भी लिया जा रहा है। जिसके कारण मरीजों को समस्या हो रही है।
इनका कहना है
वार्डबॉय को निर्देशित किया गया है कि गेट के पास रहें, वार्ड में ड्यूटी के दौरान वार्डबॉय रहते है। उन्हें फिर से निर्देशित किया जाएगा, जिससे मरीजों को परेशानीका सामना नहीं करना पड़े।
कृपाराम शाक्य सीएस जिला अस्पताल मंडला
Created On :   26 Aug 2021 4:24 PM IST