लोगों से जबर्दस्ती लेकिन खुद नियमाें का पालन नहीं

Water Harvesting - Forced by people but not following the rules themselves
लोगों से जबर्दस्ती लेकिन खुद नियमाें का पालन नहीं
वॉटर हार्वेस्टिंग लोगों से जबर्दस्ती लेकिन खुद नियमाें का पालन नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य सरकार के माझी वसुंधरा अभियान में अमृत शहर पुरस्कार प्राप्त करने पर महानगरपालिका रेन वॉटर हार्वेस्टिंग में बेहतर कार्य के लिए अपनी पीठ थपथपा रही रही। शहर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग बड़े पैमाने पर हुई है, इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन सच तो यह है कि आम नागरिकों ने इसे अपनाया, लेकिन मनपा ने खुद अमल नहीं किया। तीन साल पहले शहर के सभी उद्यानों और सरकारी इमारतों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का लिया गया निर्णय कागजों पर सिमटकर रह गया। साल 2019 में शहर को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ा। पारंपरिक जलस्रोत जीवित रहते तो जलसंकट से कुछ हद तक राहत िमल सकती थी, लेकिन भूजल स्तर नीचे जाने से वह भी सूख चुके थे। उन्हें पुनर्जीवित करने जानकारों ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की सलाह दी। तत्कालीन जलप्रदाय समिति सभापति िवजय झलके ने सुध लेकर शहर के सभी उद्यानों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की घोषणा कर दी। आगे चलकर मनपा के सभी जोन कार्यालयों में सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया। सभी सरकारी कार्यालयों से अपने-अपने परिसर में अमल करने का आग्रह किया गया। महानगरपालिका ने आग्याराम देवी चौक से इसकी शुरुआत भी कर दी। उसी बरसात में मानसून की वापसी में जमकर बरसात हुई। शहर को जलापूर्ति करने वाले जलाशय लबालब हो गए। जलसंकट से राहत मिली, तो रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 

कुछ सवाल, जिनका शहर के आम लोगों से सीधा सरोकार है

सवाल-1

आधे भी उद्यानों में सिस्टम नहीं

मनपा के सभी उद्यानों में 3 साल पहले सिस्टम लगाने की योजना बनी। निधि भी आवंटित की गई। बाद में योजना खटाई में पड़ गई। शहर में मनपा के 133 उद्यान हैं। नासुप्र के 45 उद्यान मनपा को हस्तांतरित हुए। मुश्किल से 35-40 उद्यानों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया गया। 

सवाल-2 }गंदे पानी पर प्रक्रिया की कछुआ चाल

नदी, नालों का प्रदूषण कम करने शहर के 12 उद्यानों में नदी, नालों के पानी पर प्रक्रिया करने एसटीपी लगाने का नियोजन है। शुद्ध किया हुआ पानी उद्यानों में पेड़ों की सिंचाई तथा निर्माणकार्य में उपयोग में लाने का खाका तैयार किया गया है। एसटीपी लगाने की प्रक्रिया कछुआ चाल चल रही है। िसर्फ 3 उद्यानों में एसटीपी लगाए गए हैं। अन्य जगह एसटीपी नहीं लगाए जाने से नदी, नालों का प्रदूषण जस के तस हैं।

सवाल-3 }मनपा की इमारतों का पानी व्यर्थ

मनपा मुख्यालय की प्रशासकीय इमारत में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तो बनाया गया, लेकिन छत का पानी वहां तक पहुंचने का सिस्टम ही गड़बड़ है। जोन कार्यालयों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बन पाए। आम नागरिकों को बिना रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए नए निर्माणकार्य को अनुमति नहीं देने की नसीहत दे रही मनपा की इमारतों के छतों का पानी व्यर्थ बह रहा है।
 

 

Created On :   12 Jun 2022 4:30 PM IST

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