हैंडपंप व नलकूप के भरोसे शहर की पेयजल व्यवस्था,योजना से महज 5 हजार 30 घरों तक ही पहुंच रहा पानी

Water is reaching only 5 thousand 30 houses due to water supply scheme
हैंडपंप व नलकूप के भरोसे शहर की पेयजल व्यवस्था,योजना से महज 5 हजार 30 घरों तक ही पहुंच रहा पानी
20 साल में साकार नहीं हो पाया हर घर नल का सपना हैंडपंप व नलकूप के भरोसे शहर की पेयजल व्यवस्था,योजना से महज 5 हजार 30 घरों तक ही पहुंच रहा पानी

डिजिटल डेस्क,शहडोल। शहर की पेयजल व्यवस्था भू-जल के भरोसे है। 15 हजार से ज्यादा परिवारों वाले शहर में लोगों की प्यास बुझाने में 811 हैंडपंप प्रमुख भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। शहर में हर घर नल का सपना बीस साल में साकार नहीं हो सका। अधिकांश परिवार ऐसे हैं, जहां अब तक नल से पानी नहीं पहुंच सका। सरफा जल प्रदाय योजना से भी महज 5 हजार 30 घरों तक ही नल के माध्यम से पीने का पानी पहुंच सका। इसका असर यह हुआ कि पीने के पानी के लिए शहर की अधिकांश आबादी अब हैंडपंप व नलकूप (ट्यूबवेल) का सहारा ले रही है। दूसरी ओर सतही जल की आपूर्ति के लिए बनने वाली योजनाएं फेल हो जा रही हैं, या फिर फाइलों से ही बाहर नहीं निकल पा रही है। शहर में भूजल के दोहन का आलम यह है कि 2 हजार से ज्यादा ट्यूबवेल से प्रतिदिन करोड़ों लीटर पानी निकाला जा रहा है।

वैध से ज्यादा अवैध कनेक्शन

शहर में पेयजल सप्लाई के लिए वैध कनेक्शन 5 हजार 30 हैं तो इससे ज्यादा अवैध कनेक्शन हैं। नगर पालिका के कर्मचारी बताते हैं कि अवैध कनेक्शन पर कार्रवाई का स्थानीय पार्षद ही सबसे ज्यादा विरोध करते हैं और इसका सीधा नुकसान नगर पालिका के आय पर पड़ता है। शहर में 5 हजार से ज्यादा अवैध नल कनेक्शन की बात कही जा रही है। 

अमले की कमी भी बड़ी समस्या

नगर पालिका में पानी से जुड़ी समस्याओं के लिए 12 कर्मचारी ही हैं। इसका सीधा नुकसान सप्लाई में आने वाली खराबी की सुधार में पड़ता है। कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण अवैध नल कनेक्शनों की रिपोर्ट नहीं बन रही है। 

लाखों रुपए है पानी का बकाया

शहर में 5 हजार 30 कनेक्शन पर पानी का बिल 30 लाख 72 हजार रुपए में 16 लाख 76 हजार 863 रुपए ही जमा हुए। अमले के तमाम प्रयासों के बाद भी 13 लाख 95 हजार 187 रुपए बकाया है। 

शहर में यह है पानी की कहानी

> 34 किलोमीटर 10 मीटर पाइप लाइन विस्तार के लिए नगर पालिका ने 22 फरवरी 2022 को 1 करोड़ 99 लाख 43 हजार 965 रुपए का टेंडर निकाला तो जबलपुर की ठेका कंपनी शुभश्री इंटरप्राइजेस ने 98.77 प्रतिशत अधिक का टेंडर डाला और कुल लागत 3 करोड़ 12 लाख 11 हजार रुपए पहुंचने से प्रस्ताव भोपाल भेजा गया। वहां से 80 प्रतिशत से अधिक का टेंडर होने के कारण प्रक्रिया निरस्त कर दी गई। 
> पेयजल विस्तार का एक और प्रोजेक्ट 3 किलोमीटर 320 मीटर के लिए 31 मार्च 2022 को निकाले गए टेंडर में 56.50 प्रतिशत अधिक का टेंडर आने के साथ ही इसमें एसओआर बाजार मूल्य से अधिक होने के कारण प्रक्रिया निरस्त कर दी गई। 
> पेयजल विस्तार की दोनों ही परियोजनाओं से शहर में 10 से ज्यादा वार्डों में सतही जल पहुंचाने की तैयारी थी। 
> जानकार बताते हैं कि साफ कर पेयजल उपयोग के मामले में भूजल से बेहतर सतही जल होता है। इसका स्रोत नदी, तालाब, झील व झरने हैं। भूजल का उपयोग ट्यूबवेल व हैंडपंप के माध्यम से किया जाता है। 
> सतही जल हर घर पहुंचाने के लिए अमृत योजना 2 में इंटक वेल, पाईप लाइन विस्तार, सरफा नदी सफाई व अन्य कार्य के लिए पूर्व में 45 करोड़ रुपए का डीपीआर बना, लेकिन अमल में नहीं लाया जा सका। 
> शहर में पानी की कमीं नहीं हो इसके लिए सोन नदी पर डैम बनाकर शहर तक पानी सप्लाई की योजना है। 

- शहर में प्रत्येक घर तक नल कनेक्शन के लिए अमृत 2.0 में योजना बनी है। इसमें सतही जल की ही सप्लाई होती है। अवैध कनेक्शन पर कार्रवाई के लिए अलग से टीम बनेगी। 
अमित तिवारी सीएमओ नगरपालिका शहडोल
 

Created On :   18 Oct 2022 4:27 PM IST

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