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जल संसाधन मंत्री ने कहा - 2025 तक पूरा होगा अमरावती का सिंचाई अनुशेष
डिजिटल डेस्क, मुंबई। जून 2025 तक अमरावती विभाग का सिंचाई अनुशेष पूरा करने की योजना है। इसके लिए सरकार ने निधि का प्रावधान किया है। जून 2021 तक अमरावती विभाग में सिंचाई का अनुशेष 1 लाख 21 हजार 856 हेक्टेयर था। सोमवार को जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने विधानसभा में यह जानकारी दी। कांग्रेस के बलवंत वानखेडे ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सदन का ध्यान इस मुद्दे पर खींचा था। उन्होंने परियोजना के लिए सरकार को बगैर ना नकुर के जमीन देने वाले किसानों को हुए नुकसान का मुद्दा उठाते हुए उन्हें 2013 के नए कानून के अनुसार मुआवजा देने की मांग की। जवाब में मंत्री पाटील ने कहा कि कानूनी रूप से यह संभव नहीं है। एक बार जमीन अधिग्रहण के बाद जिन्हें मुआवजा दे दिया गया है उन्हें नए कानून के मुताबिक पैसे नहीं दिए जा सकते। लेकिन उस समय कितनी ऐसी परियोजनाएं थी और किसानों को अगर फिर मुआवजा दिया गया तो कितनी रकम खर्च करनी पड़ेगी सरकार डेढ़ महीने में इसका अध्ययन करेगी और इस बाबत कोई फैसला लेगी। परियोजना प्रभावितों की संख्या और मुआवजे की रकम ज्यादा हुई तो सरकार के लिए यह वित्तीय बोझ उठा पाना संभव नहीं होगा।
अनशन पर बैठे हैं विदर्भ के किसान
दरअसल जिन किसानों ने देर से और कानूनी लड़ाई के बाद जमीन दी थी उन्हें नए कानून के मुताबिक 4 गुना अधिक मुआवजा मिला था। विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति की अगुआई में 4 मार्च से किसान अधिक मुआवजे की मांग करते हुए अनशन पर बैठे हैं। पाटील ने कहा कि अनशन पर बैठे लोगों को मनाने की कोशिश जारी है। साथ ही उन्होंने कहा कि परियोजना प्रभावितों को नौकरी में मिलने वाला आरक्षण 5 फीसदी से बढ़ाने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के पास भेजा गया है।
हिंगोली जिले के सिंचाई अनुशेष के लिए उपमुख्यमंत्री करेंगे बैठक
हिंगोली जिले के 15 हजार 160 हेक्टेयर क्षेत्र में से फिलहाल 7 हजार 910 हेक्टेयर सिंचाई अनुशेष बाकी है। अनुशेष खत्म करने के लिए 9612 हेक्टेयर के लिए सिंचाई योजनाओं का प्रावधान किया गया है। इसके लिए जल्द ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में बैठक होगी। जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने विधानसभा में यह जानकारी दी। शिवसेना से संतोष बांगर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था।
Created On :   21 March 2022 8:36 PM IST