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भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में पूर्व गृहमंत्री देशमुख की जेल से रिहाई का रास्ता साफ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मंगलवार को भ्रष्टाचार व सौ करोड़ रुपए की वसूली से जुड़े मामले में आरोपी राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जेल से रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है। अब देशमुख की मुंबई की आर्थर रोड जेल से 13 महीने बाद रिहाई होगी। इससे पहले सीबीआई ने देशमुख की जमानत पर लगी रोक को बढाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। जिस पर अवकाशकालीन न्यायमूर्ति संतोष चपलगांवकर के सामने सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता श्रीराम शिरसाट ने कहा कि कम से कम एक दिन के लिए देशमुख के जमानत पर लगी रोक को बढाया जाए। सीबीआई ने देशमुख के जमानत के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर कर दिया है। लेकिन वहां छुट्टियों के चलते सुनवाई नहीं हो पा रही है।
वहीं देशमुख की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनिकेत निकम ने सीबीआई के आवेदन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सीबीआई का यह आवेदन न्यायालय की अवमानना है। क्योंकि 21 दिसंबर को हाईकोर्ट ने साफ किया था कि अब 27 दिसंबर से आगे किसी भी परिस्थिति में देशमुख के जमानत पर लगी रोक को आगे नहीं बढाया जाएगा। फिर भी सीबीआई ने कोर्ट में आवेदन दायर किया है। सीबीआई ने एक तरह से कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि देशमुख को जमानत मिलने के बाद से वे 15 दिनों से जेल में बंद है। इसलिए अब जमानत पर लगी रोक को आगे न बढाया जाए।
इस तरह मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति चपलगांवकर ने कहा कि हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर 2022 को आदेश जारी कर कहा था कि आगे अब जमानत पर लगी रोक को नहीं बढाया जाएगा। इसलिए अब इसे नजरअंदाज कैसे किया जाए। इसलिए अब सीबीआई की मांग पर विचार नहीं किया जा सकता है। इस तरह से अब देशमुख की जमानत पर रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में देशमुख को 12 दिसंबर को जमानत प्रदान की थी। तब हाईकोर्ट ने दस दिनों के लिए अपने आदेश पर रोक लगाई थी। ताकि सीबीआई सुप्रीम कोर्ट जा सके। इस बीच सीबीआई के आग्रह पर हाईकोर्ट ने दोबारा 21 दिसंबर को जमानत पर लगी रोक को 27 दिसंबर तक के लिए बढा दिया था। देशमुख को फिलहाल मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया है।
देशमुख को सबसे पहले प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने मनीलांडरिंग के आरोप में नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया था। सबसे पहले हाईकोर्ट ने देशमुख को इसी मामले में जमानत मिली थी। चूंकी सीबीआई की विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में जमानत देने से मना कर दिया था। इसलिए देशमुख ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया था। फिर हाईकोर्ट ने इस मामले में भी देशमुख को जमानत दे दी थी। तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर देशमुख पर मुंबई के बार व रेस्टोरेंट से सौ करोड़ रुपए की वसूली करने का लक्ष्य देने का आरोप लगाया था। इसके बाद इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया था। फिर सीबीआई ने जांच के बाद देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
Created On :   27 Dec 2022 9:26 PM IST