जब असम की पूर्व विधायक लव जिहाद की राजनीति का निशाना बनी

When the former MLA of Assam became the target of love jihad politics
जब असम की पूर्व विधायक लव जिहाद की राजनीति का निशाना बनी
असम सियासत जब असम की पूर्व विधायक लव जिहाद की राजनीति का निशाना बनी

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। देश भर में लव जिहाद शब्द के प्रचलन में आने से बहुत पहले, असम में भगवा खेमे (बीजेपी) की बकेट लिस्ट में यह एजेंडा प्रमुखता से था। जून 2012 की बात है। असम में बीजेपी कहीं भी एक ताकतवर पार्टी के रूप में नजर नहीं आ रही थी। ठीक एक साल पहले, राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी बुरी तरह हार गई थी। तब रूमी नाथ- भाजपा से कांग्रेस में शामिल विधायक- ने चुपके से एक युवा मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली, उसने अपने पहले पति को छोड़ दिया था। वह तब कछार जिले के बोरखोला निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थीं।

यह जोड़ा कुछ दिनों तक फरार रहा और फिर अपनी शादी का खुलासा किया। इस घटना ने राज्य में तूफान ला दिया। कई राजनेता तब नाथ की व्यक्तिगत पसंद पर टिप्पणी करने से दूर रहे, जबकि भाजपा इससे नाराज दिखी। इस दौरान जब नाथ अपने साथी के साथ 29 जून 2012 को करीमगंज जिले के एक होटल में रुकी, तो 200 लोगों की गुस्साई भीड़ ने दोनों पर हमला कर दिया। विधायक और उनके दूसरे पति जाकी जाकिर, जिनसे विधायक ने अपने पहले पति को तलाक दिए बिना शादी की थी, को भीड़ ने पीटा और घायल कर दिया। पुलिस ने तब कहा था कि भीड़ नाथ की एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी से नाराज थी।

नाथ, जो तब गर्भवती थीं और जाकिर दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे हमले में उनका काफी खून बह चुका था। इलाज के बाद दोनों को पुलिस सुरक्षा में करीमगंज से गुवाहाटी ले जाया गया। नाथ ने आरोप लगाया कि पुरुषों के गिरोह ने उसके कपड़े फाड़ दिए और उसके साथ बलात्कार और हत्या का प्रयास किया। इस घटना पर उसकी ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें कुछ भाजपा नेता भी थे।

हालांकि, बाद में इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं हुआ, कई लोगों का मानना है कि पर्दे के पीछे समझौता हो गया था। लेकिन, बीजेपी नाथ के लिए बेहद आलोचनात्मक थी क्योंकि उसने हिंदू होने के बावजूद एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी की थी। इस घटना के दो साल बाद, रूमी नाथ ने आश्चर्यजनक रूप से अपने दूसरे पति जैकी जाकिर के खिलाफ जबरन वसूली और शारीरिक हमले का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई। दूसरे पति को नाथ की शिकायत पर पुलिस ने गिरफ्तार किया था लेकिन जाकिर ने आरोपों का ²ढ़ता से खंडन किया और शिकायत के पीछे एक राजनीतिक मकसद का दावा किया। नाथ और जाकिर अलग हो गए और तब से नाथ अपने पहले पति और बेटी के साथ रह रही हैं।

उन्होंने पहली बार 2006 में बोरखोला निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गईं और 2011 के चुनावों में दूसरी बार सीट जीतीं। नाथ ने फिर से 2016 का चुनाव लड़ा लेकिन बीजेपी से हार गई। अक्टूबर 2019 में पूर्व विधायक और उनके दूसरे पति की पुरानी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं। भीड़ के हमले में घायल नाथ की तस्वीर वाली पोस्ट को एक हिंदू महिला के रूप में गलत तरीके से साझा किया गया था। इसे लव जिहाद करार दिया गया और व्यापक रूप से प्रसारित किया गया। बाद में, एक पुलिस शिकायत के बाद, सोशल मीडिया हैंडल से झूठे पोस्ट हटा दिए गए। फिर भी इन झूठी सोशल मीडिया पोस्टों के बाद कम से कम एक घेरा तो पूरा हो ही गया और नाथ की घटना को आखिरकार लव जिहाद से जोड़ दिया गया।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   26 Nov 2022 1:31 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story