जब शुल्क देते थे तब रोज लगती थी हाजिरी, अब मुफ्त की व्यवस्था से परहेज

When used to pay the fee, the attendance used to be daily, now avoiding the arrangement of free
जब शुल्क देते थे तब रोज लगती थी हाजिरी, अब मुफ्त की व्यवस्था से परहेज
जब शुल्क देते थे तब रोज लगती थी हाजिरी, अब मुफ्त की व्यवस्था से परहेज

डिजिटल डेस्क कटनी । शासकीय कर्मचारियों की आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने जिस प्रयोग की शुरूआत कटनी जिले से हुई थी, वह पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है लेकिन उस पर यहीं अमल कराने में विभागीय अधिकारियों की रुचि नहीं है। जबकि 20 दिन पहलेकलेक्टर ने भी निर्देश जारी किए थे कि दिसम्बर माह को वेतन सार्थक एप में हाजिरी लगाने पर ही जारी होगा। इसके बाद भी जिले में अब तक चार हजार शासकीय सेवक भी सार्थक एप में हाजिरी नहीं लगा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लोकसेवक एप का पहला प्रयोग कटनी जिले में हुआ था। तत्कालीन कलेक्टर विशेष गढ़पाले के कार्यकाल में शिक्षकों सहित अन्य विभागों के फील्ड में पदस्थ कर्मचारियों की इस एप में ई-अटेंडेंस अनिवार्य की गई थी। तब प्रशासन द्वारा एप डेवलप करने वाली कंपनी को दस हजार रुपये मासिक भुगतान किया जाता था। श्री गढ़पाले के स्थानांतरण के बाद कुछ समय से तक तो यह व्यवस्था जारी रही लेकिन एप डेपलप करने वाली कंपनी ने जब शुल्क बढ़ाकर एक लाख रुपये किया तब लोकसेवक एप बंद हो गया और शासन स्तर मैप आईटी भोपाल द्वारा लोकसेवक एप की तरह सार्थक एप डेवल किया गया। इसे कर्मचारियों को अपने मोबाइल में डाउन लोड करके ई-अटेंडेेंस लगाना है।
सबसे ज्यादा कर्मचारियों वाले विभाग बेपरवाह
सार्थक एप का उपयोग करने में सबसे ज्यादा कर्मचारियों वाले विभाग ही बेपरवाह हैं। शिक्षा विभाग में लगभग दस हजार शिक्षकों, अध्यापकों सहित दस
हजार कर्मचारी हैं। इस विभाग में अब तक मात्र 1864 ही ई-अटेंडेंस लगा रहे हैं। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी बी.बी.दुबे स्वीकार करते हैं कि कलेक्टर ने सार्थक एप में ई-अटेंडेंस पर ही दिसम्बर माह का वेतन आहरित करने निर्देश दिए हैं। इतनी कम हाजिरी के सवाल पर डीईओ का कहना था कि ज्यादातर कर्मचारियों ने सार्थक एप डाउन लोड कर लिया है पर ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं होने से उपयोग करने में परेशानी हो रही है।
वहीं  शिक्षकों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के अधिकांश विकासखंडों में सार्थक एप के लिए बीईओ, बीआरसी तक आदेश ही नहीं पहुंचे हैं। जिससे अब तक 70 फीसदी शिक्षकों ने सार्थक एप डाउनलोड ही नहीं किया है।
हेल्थ विभाग में 480 की हाजिरी
ई-गवर्नेंस से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में 480 एवं महिला बाल विकास विभाग में 80 कर्मचारी आनलाइन उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। कृषि विभाग में अब तक किसी कर्मचारी ने सार्थक एप का उपयोग नहीं किया है। सीएमएचओ डॉ.एस.के. निगम का कहना है कि सार्थक एप में अटेंडेंस केवल मैदानी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य की गई है।
इनका कहना है
पुलिस और वन विभाग को छोडकऱ अन्य सभी शासकीय विभागों के कर्मचारियों को सार्थक एप में ई-अटेंडेंस लगाने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए हैं। दिसम्बर माह के वेतन का आहरण भी इसी एप में उपस्थिति के आधार पर होगा।
विभाग प्रमुखों को पत्र जारी किए जा चुके हैं।
- सौरभ नामदेव, जिला प्रबंधक ई-गवर्नेंस
 

Created On :   17 Dec 2019 1:59 PM IST

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