कहाँ गायब हो गए रेलवे अस्पताल के लिए खरीदे गए 100 से अधिक वेंटिलेटर..?

Where more than 100 ventilators purchased for the vanished railway hospital ..?
कहाँ गायब हो गए रेलवे अस्पताल के लिए खरीदे गए 100 से अधिक वेंटिलेटर..?
कहाँ गायब हो गए रेलवे अस्पताल के लिए खरीदे गए 100 से अधिक वेंटिलेटर..?

दर्द - चिकित्सकों की लापरवाही से मृतक रेलकर्मी की पत्नी की आँखों से निकले आँसुओं ने खड़े किए सवाल, जिसके आगे मौन हो गया रेल प्रशासन
डिजिटलय डेस्क जबलपुर ।
रेल अस्पताल में कोविड की शुरुआत में 100 से अधिक वेंटिलेटर खरीदे गए थे, आज मेरे पति को जरूरत पड़ी तो एक भी नहीं मिला.. आखिरकार वो सैकड़ों वेंटिलेटर कहाँ गए..? रेलवे अस्पताल में अपने पति के शव से लिपटी पत्नी की करुणा से भरी वेदना की पुकार से पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय जबलपुर के इंद्रा मार्केट स्थित केन्द्रीय रेल अस्पताल में मौजूद लोगों की आँखों के कोर गीले हो गए... लेकिन मृतक की पत्नी के आँसुओं ने रेल अस्पताल की व्यवस्थाओं और भ्रष्टचार पर सवाल खड़े कर दिए हैं जिसका जवाब देने में पमरे प्रशासन के पसीने छूटे जा रहे हैं। 
राह देखते-देखते हो गई मौत, नहीं दिया वेंटिलेटर
रेल अस्पताल में एक रेलकर्मी की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाले चिकित्सकों का अमानवीयता से भरा चेहरे सामने आया है.. जिसमें रेलवे के कोचिंग डिपो में एसी मैकेनिक के रूप में काम करने वाले 35 वर्षीय संदीप सराठे की वेंटिलेटर की राह ताकते-ताकते मौत हो गई और रेल अस्पताल के चिकित्सक एक ही राग अलापते रहे कि बस थोड़ी देर रुकिए वेंटिलेटर आ रहा है। गंभीर हालत में रेल अस्पताल में भर्ती रेलकर्मी के परिजनों को गुमराह करने की इस घटना ने जबलपुर रेल मंंडल के कर्मचारियों को झकझोर दिया है।
इलाज के नाम पर दिखावा 6 मृतक की पत्नी श्रीमती पूजा सराठे, मामा मदन लाल ने बताया कि साँस लेने में तकलीफ होने के कारण संदीप को 13 अप्रैल की रात करीब 3 बजे रेल अस्पताल में भर्ती कराया गया। संदीप की हालत और खराब हो गई। परिजनों ने वेंटिलेटर लगाने पर जोर दिया, तो अस्पताल स्टाफ आश्वासन देता रहा, सुबह 7 बजे रेल चिकित्सकों ने बताया िक वेंटिलेटर है ही नहीं। आक्रोशित परिजनों ने किसी निजी अस्पताल में रेफर करने का दबाव बनाया। उसके बाद जब तक रेफरल लेटर बना संदीप की साँसें थम गईं। 
आइसोलेशन सेंटर बनाए जाएँ -
 सिटीजंस सोशल फोरम के संयोजक सच्चिदानंद शेकटकर ने कलेक्टर से माँग करते हुए कहा है िक जिस तरह से कोरोना के पहले चरण में सामुदायिक भवनों और परिसरों को कोविड आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित किया गया था, ठीक उसी तरह से अस्थाई तौर पर उपचार केन्द्र बनाए जा सकते हैं। 
वेंटिलेटर नहीं है.. 
इनका कहना है
रेल अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं हैं। वेंटिलेटर हमारे पास कभी थे ही नहीं। यहाँ सिर्फ प्राथमिक इलाज होता है। मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे मेडिकल भेज दिया जाता है। 
-अजय डोगरा, एमडी रेल अस्पताल 
बड़ी संख्या में खरीदे, गए कहाँ
रेलवे अस्पताल के लिए बड़ी संख्या में वेंटिलेटर खरीदे थे। कोविड आइसोलेशन के वार्ड भी बनाए गए थे। पता लगाते हैं कि आखिरकार इतनी बड़ी संख्या में वेंटिलेटर आखिर कहाँ गए।
- संजय विश्वास, डीआरएम 
 

Created On :   15 April 2021 2:06 PM IST

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