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जिसे 10 दिन में किया गया डिस्चार्ज, 26 दिन बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई
रिपीट सैम्पलिंग न हो पाने के कारण नहीं हो रही संक्रमण मुक्त होने की पुष्टि
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संक्रमित मरीज को 10 दिन आइसोलेशन में रखने के बाद बिना रिपीट सैम्पल लिए डिस्चार्ज किया जा रहा है, इस प्रक्रिया में वह संक्रमण मुक्त हुआ या नहीं इसकी कोई पुष्टि नहीं हो रही है। संबंधित खुद को स्वस्थ मानकर सामान्य जीवन में आ रहा है, जिससे दूसरों के संक्रमित होने का खतरा बन रहा है। नया मामला गोरखपुर निवासी व्यक्ति से जुड़ा है जो 26 दिन पहले संक्रमित पाए गए थे। 10 दिन सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में रहने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया, इसके बाद वे 7 दिन घर में क्वारंटीन रहे, अब फिर टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
एसिम्टोमेटिक से खतरा - वे संक्रमण होने के दौरान एसिम्टोमेटिक थे तथा आइसोलेशन पीरियड में उनमें कोई लक्षण नहीं आए। ठीक होने के बाद किसी कारण से उन्हें निगेटिव रिपोर्ट की आवश्यकता होने पर दोबारा टेस्ट कराना पड़ा था। विक्टोरिया अस्पताल में ट्रूनॉट मशीन के टेस्ट में वे पॉजिटिव आए, इसके बाद कंफर्मेशन के लिए मेडिकल कॉलेज की लैब में आरटीपीसीआर जाँच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इस मामले ने यह साबित किया है कि 17 दिनों के आइसोलेशन पीरियड के बाद भी संक्रमण खत्म नहीं हो रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि एसिम्टोमेटिक पॉजिटिव स्प्रेड के मामले में ज्यादा खतरनाक हैं। इस घटना से जहाँ 14 से 17 दिनों में संक्रमण मुक्त होने की थ्योरी गलत साबित हो रही, वहीं अधिकांश डॉक्टर्स का मानना है कि पॉजिटिव से स्प्रेड का खतरा ज्यादा है। हालाँकि पहले यह कहा गया था कि 10 दिन बाद पॉजिटिव रिपोर्ट होने पर वायरस डेड हो जाता है जिससे किसी को संक्रमण का खतरा नहीं रहता।
Created On :   14 Aug 2020 2:01 PM IST