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बाजीगर कौन ? एनसीपी के पास मंगलवार रात 8 बजे तक है वक्त, कांग्रेस विधायकों की वापसी !
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र मे नई सरकार के गठन का मामला रोचक मोड़ पर पहुंच गया है। सोमवार को शिवसेना को बहुमत का आकड़ा जुटाने के लिए अधिक समय देने की मांग को ठुकराने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राकांपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। रात 9 बजे के करीब राज्यपाल के आमंत्रण के बाद राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार, प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजभवन पहुंचे। राज्यपाल से चर्चा के बाद प्रदेश राकांपा अध्यक्ष पाटील ने कहा कि प्रक्रिया के तहत विधानसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल ने हमें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। इसके लिए मंगलवार की शाम 8 बजे तक का समय दिया है। हमनें राज्यपाल से कहा है कि इस बारे में हम अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस से चर्चा कर अपना रुख बताएंगे। आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए मंगलवार की दोपहर राकांपा कोर कमेटी की बैठक होगी।
पवार से चर्चा करने मुंबई पहुंचेगे खडगे
सरकार बनाने के लिए चर्चा करने मंगलवार को कांग्रेस प्रभारी मल्लिकार्जुन खडगे और राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल मुंबई आएंगे। दोनों नेता राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात कर चर्चा करेंगे। राकांपा के तैयार होने के बावजूद अभी तक कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने को तैयार नहीं है।
देखों और इंतजार करों की भूमिका में भाजपा
इस बीच सोमवार को भाजपा के कोर कमेटी की दो बार बैठक हुई। बैठक के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति पर हमारी नजर हैं। फिलहाल हम वेट एंड वॉच की भूमिका में हैं।
हमारे पास 160 विधायकों का समर्थनः अडसूल
उधर शिवसेना के वरिष्ठ नेता आनंद राव अडसुल ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे के पास राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी के विधायकों को मिलाकर 160 विधायकों का समर्थन है। राजभवन में पत्रकारों से बातचीत में अडसुल ने दावा किया कि शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के विधायकों का समर्थन पत्र है। लेकिन समर्थन के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस अध्यक्ष का पत्र भी जरूरी होता है। इन दोनों दलों के अध्यक्षों का पत्र राजभवन में ईमल अथवा फैक्स के जरिए नहीं मिल पाया है। अडसुल ने कहा कि राज्यपाल ने सरकार बनाने का हमारा दाव नकारा नहीं है केवल उन्होंने समर्थन पत्र सौंपने के लिए और समय नहीं दिया।
कांग्रेस विधायकों की नागपुर वापसी संभव
सरकार गठन को लेकर पल-पल बदलते समीकरण के बीच कांग्रेस विधायकों की मंगलवार को नागपुर वापसी संभव है। कांग्रेस विधायक सुनील केदार, डॉ. नितीन राऊत, विकास ठाकरे, राजू पारवे मंगलवार को नागपुर लौट सकते है। सोमवार को उन्हें इसके संकेत दे दिए है। हालांकि इन नेताओं को भी नहीं पता कि सरकार गठन को लेकर क्या निर्णय हुआ है। शिवसेना को समर्थन देंगे या नहीं? उन्होंने निर्णय का अधिकार पार्टी हाइकमान को सौंप दिया है। देर शाम तक बदलते समीकरणों से अब नेता भी संभ्रम की स्थिति में है, इसलिए सरकार बनेगी भी या नहीं? इसे लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं है। हालांकि भाजपा द्वारा सरकार गठन से पीछे हटने के बाद टूट-फूट का डर टल गया है। उन्हें अब जयपुर के अति-सुरक्षित होटल से निकालकर मुंबई में लाने की जानकारी है। विश्वसनीय सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मुंबई में पहुंचने के बाद सभी विधायक अपने-अपने गृहनगर के लिए रवाना होगे।
विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद राज्य में गजब की राजनीतिक अस्थिरता बनी है। 18 दिन बाद भी सरकार गठन को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है। सोमवार को तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रमों ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया है। सरकार गठन में कांग्रेस की स्थिति अहम मानी जा रही है। ऐसे में टूट-फूट का डर सबसे अधिक कांग्रेस को ही सता रहा था। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने एक बयान देकर भाजपा पर विधायकों को ऑफर देने का भी आरोप लगाया था। जिसके बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को टूट-फूट से बचाने के लिए जयपुर के एक आलीशान होटल में रवाना किया था। पिछले चार-पांच दिन से कांग्रेस के सभी विधायकों को वहां रखा गया है। होटल में तो उनका मुक्त विचरण शुरू है, लेकिन बाहर आने-जाने पर उनपर रोक थी। मोबाइल या किसी भी अन्य संपर्क माध्यमों को भी बंद करके रखा गया था ताकि कोई उनसे संपर्क साध न सके।
इस दौरान केंद्र और राज्य के वरिष्ठ नेताओं द्वारा रोजाना बैठकें लेकर उन्हें स्थिति से अवगत कराया जाता था। उन्हें यह संकेत दे दिए गए थे कि सरकार गठन की तस्वीर साफ होने के बाद ही वे शिवसेना को अपना समर्थन देंगे। इससे पहले नहीं। हालांकि निर्णय का अधिकार पार्टी हाइकमान को सौंप दिया गाय था। सोमवार शाम तक यह स्थिति साफ नहीं थी। राज्यपाल से मिलकर शिवसेना द्वारा अतिरिक्त समय मांगा गया, लेकिन राज्यपाल ने 24 घंटे से ज्यादा समय देने से इनकार कर दिया गया। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस को भी राज्यपाल ने मिलने के लिए बुलाया। जिसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलना शुरू हुआ। हालांकि एक बात यह स्पष्ट थी कि भाजपा ने सरकार गठन से कदम पीछे खिंच लिए है। जिसकारण कांग्रेस में अब टूट-फूट का डर टल गया है। ऐसे में कांग्रेस के विधायकों की मंगलवार को वापसी संभव मानी जा रही है।
Created On :   11 Nov 2019 10:23 PM IST