अच्छा काम होने के बाद भी क्यों हुई मंदसौर घटना, पीएम ने किया था सीएम से सवाल

Why did Mandsaur incident happen even after the good work in MP
अच्छा काम होने के बाद भी क्यों हुई मंदसौर घटना, पीएम ने किया था सीएम से सवाल
अच्छा काम होने के बाद भी क्यों हुई मंदसौर घटना, पीएम ने किया था सीएम से सवाल

डिजिटल डेस्क,भोपाल। राजधानी भोपाल में सोमवार को कृषि कैबिनेट संपन्न हुई। बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि पिछले दिनों भाजपा शासित राज्यों की बैठक में पीएम मोदी ने सवाल किया था कि एमपी में कृषि के क्षेत्र में अच्छा काम होने के बाद भी मंदसौर जैसी घटना क्यों हुई ? इसी सवाल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि कैबिनेट की बैठक में किया। सवाल के बाद बैठक में मंत्रियों में से किसी ने भी प्रतिक्रिया नहीं दी।
 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि पीएम ने मुख्यमंत्रियों की बैठक में मप्र में किसानों की आय दोगुना करने के लिए किए जा रहे प्रयास और कृषि के क्षेत्र में लागू की गईं योजनाओं की तारीफ की। पीएम ने फरवरी 2016 में शेरपुर (सीहोर) में आव्हान किया था कि किसानों की आय पांच साल में दोगुनी करने के लिए रोडमैप तैयार किया जाए। जब किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रेजेंटेशन चल रहा था, तब मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र की सालाना कृषि विकास दर 29.08 फीसदी पहुंच गई है।  

शॉर्ट-टर्म प्लान बनाएं
सीएम शिवराज सिहं चौहान ने इस दौरान कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने की सुविचारित व्यवहारिक कार्ययोजना बने। अल्प वर्षा से प्रभावित होने की आशंका वाले क्षेत्रों के लिए शार्ट-टर्म आपात योजना भी बनाएं। मुख्यमंत्री  ने कहा है कि सिंचाई और पेयजल की आवश्यकताओं का आंकलन करते हुए जल भंडारण की समुचित तैयारी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान सम्मेलनों के प्रति किसानों में जिज्ञासा उत्पन्न की जाए। जैविक उत्पादों की प्रमाणिकता और विक्रय के आउटलेट खुलवाए जाएं। धान खरीदी के साथ ही भावांतर भुगतान योजना के लिए पंजीयन की पुख्ता व्यवस्था हो। कृषि कैबिनेट में सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना, किसान संतान उद्यमी योजना के तहत करवाई जाए। किसान सम्मेलन 30 सितंबर से 15 अक्टूबर तक आयोजित किए जाएं। सम्मेलन में शामिल होने वाले वैज्ञानिकों और अधिकारियों की राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाए। 

बैठक में प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया खरीफ फसलों की उत्पादकता में वर्ष 2022 के लक्ष्यों की तुलना में बाजरा, अरहर, उड़द और मूंग की उत्पादकता का निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2016-17 में ही प्राप्त कर लिया गया है। इसी तरह, रबी फसलों जौ और मसूर की वर्ष 2016-17 की उत्पादकता 2022 के लक्ष्य से अधिक हो गई है। 8 फसलों सोयाबीन, चना, अरहर, मूंग, उड़द, ज्वार, बाजरा और कपास की उत्पादकता राष्ट्रीय उत्पादकता से अधिक हो गई है।

फल सब्जी की ई-मंडी बनेगी
प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने उद्यानिकी विभाग का प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि राष्ट्रीय बाजार के रूप में इंदौर में पीपीपी मोड में फल एवं सब्जियों की अत्याधुनिक ई-मंडी स्थापित होगी। उद्यानिकी फसलों और तकनीक से उत्पादकता वृद्धि परामर्श सेवा के लिए विख्यात 25 विषय विशेषज्ञ सूचीबद्ध किए गए हैं। कलस्टर आधारित विकास के लिए 509 फल और 597 सब्जी कलस्टर चयनित किए गए हैं। कलस्टर अंतर्गत अभी तक कुल 42 हजार 252 हेक्टर में उद्यानिकी फसलों का विकास किया गया है। 5 वर्ष की अवधि में उद्यानिकी फसलों के लक्ष्य की तुलना में 2 वर्ष की अवधि में एक तिहाई लक्ष्य की प्राप्ति हो गई है। फल, सब्जी, मसाला, पुष्प, औषधि एवं सुगंधित फसल अंतर्गत 2 लाख 23 हजार 57 हेक्टर क्षेत्र का आच्छादन हो गया है।

कृषि क्षेत्र की आय 53 हजार करोड़ रुपए बढ़ी
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2016-17 के दौरान कृषि आय 2 लाख 22 हजार 174 करोड़ रुपए रही है। वर्ष 2015-16 के दौरान यह एक लाख 68 हजार 427 करोड़ रुपए थी। इस प्रकार पिछले वर्ष कृषि आय में 53 हजार 744 करोड़ रुपए आय की अतिरिक्त वृद्धि हुई है। योजना एवं सांख्यिकी विभाग के जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016-17 के दौरान वर्तमान मूल्यों पर वृद्धि दर्ज की है। प्राथमिक क्षेत्र में भी प्रचलित मूल्यों पर 29.08 प्रतिशत की वृद्धि परिलक्षित हुई है।

Created On :   5 Sep 2017 3:59 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story