मटर की खाद्यान्न श्रेणी क्यों नहीं हो रही निर्धारित -राष्ट्रीय कृषि आयोग नई दिल्ली में दायर की गई याचिका

Why food grain category of pea is not being determined - petition filed
मटर की खाद्यान्न श्रेणी क्यों नहीं हो रही निर्धारित -राष्ट्रीय कृषि आयोग नई दिल्ली में दायर की गई याचिका
मटर की खाद्यान्न श्रेणी क्यों नहीं हो रही निर्धारित -राष्ट्रीय कृषि आयोग नई दिल्ली में दायर की गई याचिका

डिजिटल डेस्क जबलपुर । राष्ट्रीय स्तर पर जबलपुर को नाम और पहचान देने वाली मटर की फसल की खाद्यान्न श्रेणी का निर्धारण नहीं किया गया है। इस संबंध में  राष्ट्रीय कृषि आयोग नई दिल्ली में याचिका दायर की गई है। याचिका पर जल्द सुनवाई होने की संभावना है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि मटर की फसल को अनाज, दलहन, तिलहन और सब्जी की खाद्यान्न श्रेणी में नहीं रखा गया है। सरकारी राजस्व रिकॉर्ड में धान, मक्का, सोयाबीन, मूँग, उड़द, गेहूँ, चना और दलहन तो दर्ज है, लेकिन कहीं भी मटर का उल्लेख नहीं किया गया है, इसलिए राष्ट्रीय कृषि आयोग को मटर की खाद्यान्न श्रेणी का निर्धारण करना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि जबलपुर के शहपुरा, सहजपुर, पाटन, बरगी, मझौली, पनागर और सिहोरा में लगभग 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मटर की खेती की जाती है। कृषि विभाग के रिकॉर्ड में बताया जाता है कि मटर की खेती केवल 10 से 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में होती है। सर्दियों में जबलपुर से हर वर्ष 500 से 600 करोड़ रुपए के मटर का कारोबार होता है।
 

Created On :   17 Sep 2020 8:18 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story