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आयुष्मान कार्डधारियों के नि:शुल्क उपचार के पैकेज में दवाइयों का प्रावधान क्यों नहीं
हाईकोर्ट में कोरोना के इलाज को लेकर दायर याचिकाओं के साथ होगी सुनवाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट में आयुष्मान कार्डधारियों के नि:शुल्क उपचार के पैकेज में दवाइयों के लिए प्रावधान नहीं किए जाने के खिलाफ जनहित यचिका दायर की गई है। जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव एवं जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने निर्देश दिया है कि इस याचिका की सुनवाई कोरोना के इलाज को लेकर दायर अन्य याचिकाओं के साथ 17 मई को की जाए।
यह है मामला
यह जनहित याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 6 मई 2021 से आयुष्मान कार्डधारियों के लिए नि:शुल्क कोविड उपचार योजना लागू की है। याचिका में कहा गया है कि उपचार के पैकेज में रूम रेंट, नर्सिंग चार्ज, भोजन, जाँच, विशेषज्ञ परामर्श शुल्क, पैरामेडिकल शुल्क सम्मिलित है। पैकेज में दवाइयों के खर्च का उल्लेख नहीं किया गया है। इससे दवाइयों का खर्च आयुष्मान कार्डधारियों को वहन करना होगा। सरकार ने प्रदेश में केवल 13,334 ऑक्सीजन बेड रिजर्व किए हैं, यदि मरीज को अस्पताल में ऑक्सीजन बेड नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में ऑक्सीजन का खर्च कौन उठाएगा।
अस्पतालों में पर्याप्त बेड नहीं
अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि प्रदेश में आयुष्मान कार्डधारियों की संख्या एक करोड़ से अधिक है। प्रदेश सरकार ने आयुष्मान कार्डधारियों के लिए निजी अस्पतालों में केवल 33 हजार बेड रिजर्व किए हैं, जो आयुष्मान कार्डधारियों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। डिवीजन बैंच से अनुरोध किया गया है कि आयुष्मान कार्डधारियों के लिए नि:शुल्क उपचार योजना में दवाइयों का भी पैकेज शामिल किया जाए।
Created On :   14 May 2021 2:20 PM IST