क्यों न कराई जाए सीबीआई या एसआईटी से जाँच - पुलिस पर फर्जी तरीके से फंसाने का आरोप

Why should not be investigated by CBI or SIT - accusing police of fraudulently
क्यों न कराई जाए सीबीआई या एसआईटी से जाँच - पुलिस पर फर्जी तरीके से फंसाने का आरोप
क्यों न कराई जाए सीबीआई या एसआईटी से जाँच - पुलिस पर फर्जी तरीके से फंसाने का आरोप

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने डीजीपी, शहडोल आईजी व एसपी और बुढ़ार थाना प्रभारी महेन्द्र सिंह चौहान और जाँच अधिकारी एसआई अर्चना धुर्वे को नोटिस जारी कर पूछा है कि याचिकाकर्ता को फर्जी मामले में फँसाए जाने की क्यों न सीबीआई या एसआईटी से जाँच कराई जाए। जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने इस मामले में तीन सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। अनूपपुर निवासी सुनील जायसवाल की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि शहडोल जिले के बुढ़ार पुलिस ने उसे 29 जून 2020 को थाने में बुलाया।  इसके बाद उसे फर्जी तरीके से 24 किलो गाँजा रखने के प्रकरण में फँसा दिया। इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत हो गई। जमानत होने के बाद भी उसे झूठे मामले में फँसाने का प्रयास किया जा रहा है। अधिवक्ता सीएम तिवारी ने तर्क दिया कि पुलिस याचिकाकर्ता को लगातार फर्जी मामलों में फँसा रही है। इसलिए मामले की जाँच सीबीआई या एसआईटी से कराई जाए। प्रारंभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने नोटिस जारी कर अनावेदकों से जवाब तलब किया है।
 

Created On :   11 Dec 2020 9:07 AM GMT

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