महाराजबाग में लगातार कम हो रहे वन्यजीव, अव्यवस्था से टूरिस्ट मायूस

Wildlife dwindling in maharajbagh, tourist disillusioned by chaos
महाराजबाग में लगातार कम हो रहे वन्यजीव, अव्यवस्था से टूरिस्ट मायूस
महाराजबाग में लगातार कम हो रहे वन्यजीव, अव्यवस्था से टूरिस्ट मायूस

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कभी लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहनेवाले महाराजबाग में अब वन्यजीवों की कमी के कारण खाली पिंजरों की संख्या बढ़ती जा रही है। करीब आधा दर्जन पिंजरे खाली अवस्था में हैं जो यहां आनेवाले सैलानियों को खल रहे हैं। बंदरों से लेकर इमू तक के पिंजरों में सिवाय खामोशी के कोई नहीं रहता ।

नागपुर जिले के लिए महत्वपूर्ण महाराजबाग  गार्डन के साथ जू भी है। यहां कभी बाघ को भी रखा गया था। वर्तमान स्थिति में बाघिन, तेंदुआ, भालू यहां मौजूद है। इसके अलावा विभिन्न प्रजाति के पक्षियों के साथ कछुआ, घडियाल, मोर, लोमड़ी, काला हिरण, नीलगाय, चौसिंघा, मोर को भी यहां रखा गया है लेकिन  इनकी संख्या बहुत कम है। खासकर यहां आनेवाले सैलानियों को यहां एक ही बाघिन देखने मिल रही है। बाघ वर्षों से यहां नहीं है। इसके अलावा बंदरों के पिंजरे भी खाली है। नीलगाय अकेली अवस्था में है। वहीं हिरणों की संख्या भी उंगलियों पर गिनती करने जितनी ही है। ऐसे में सैलानियों को यहां आने पर पूरी तरह से जंगल सैर का अनुभव नहीं हो रहा है।

वन विभाग का उदासीन रवैया
वन विभाग के गोरेवाड़ा में जब वन्यजीवों को रखने के लिए जगह का अभाव था, तो यहां आने वाले वन्यजीवों को इलाज के बाद महाराजबाग ही भेजा जाता था लेकिन अब गोरेवाड़ा में संसाधनों के साथ जगह उपलब्ध रहने से यहां से बाघ की मांग करने के बाद भी बाघ को नहीं भेजा जा रहा है। हालांकि हाल ही में यहां मुंबई के लिए सुल्तान बाघ को भेजा गया है।   नागपुर के महाराजबाग में दिशा-निर्देशानुसार बाघिन के साथ बाघ को रखना जरूरी है। बावजूद इसके वन विभाग की ओर से बाघ की जरूरत को पूरा नहीं किया जा रहा है। सूत्रों की माने को गोरेवाड़ा में जल्द ही चंद्रपुर के ट्रान्सिक ट्रीटमेंट सेंटर से बाघ को लाया जाएगा। साथ यहां पहले से बाघों की अच्छी संख्या है। इसके बाद भी महाराजबाग में बाघ को नहीं भेजना हर किसी के समझ से परे है। 

Created On :   26 Dec 2019 3:58 PM IST

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